पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में हाल ही में बलूच विद्रोहियों द्वारा की गई दो बड़ी घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों को हिलाकर रख दिया है। पहले, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक किया, जिसमें आम नागरिकों के साथ पाकिस्तानी सेना के जवानों को भी 36 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया। इसके बाद, बलूच विद्रोहियों ने नोशकी में एक सैन्य काफिले पर आत्मघाती हमला कर दिया, जिसमें कई सैनिक और नागरिक हताहत हुए।
ट्रेन हाईजैक: पहली बार पाकिस्तान में ऐसी घटना
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने हाल ही में क्वेटा में चलने वाली जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया। यह पाकिस्तान में पहली बार हुआ जब किसी विद्रोही संगठन ने ट्रेन को हाईजैक किया हो। इस घटना के दौरान विद्रोहियों ने आम यात्रियों और सेना के जवानों को बंधक बना लिया और उनकी सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान सरकार से अपनी मांगें मनवाने की कोशिश की।
36 घंटे के इस हाईजैक ऑपरेशन के बाद पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने कार्रवाई की, जिसके बाद विद्रोही ट्रेन को छोड़ने के लिए मजबूर हुए। हालाँकि, इस घटना ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों की असफलता को उजागर कर दिया।
नोशकी में आत्मघाती हमला: पाकिस्तानी सेना को बड़ा झटका
हाईजैक की घटना के बाद बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तान की सेना पर एक और बड़ा हमला किया। यह हमला बलूचिस्तान के नोशकी इलाके में एक हाइवे पर हुआ।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली है और इसका एक वीडियो भी जारी किया है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि विस्फोट के बाद एक बस से धुआँ उठ रहा है और उसके बाद भारी गोलीबारी शुरू हो जाती है।
स्थानीय पुलिस अधिकारी के अनुसार, यह हमला आत्मघाती था, जिसमें एक विस्फोटकों से भरा वाहन सैन्य काफिले में घुसा दिया गया। विस्फोट के बाद आतंकियों ने सेना के जवानों पर गोलियाँ बरसानी शुरू कर दीं। इस हमले में तीन सैनिक और दो नागरिकों की मौत हो गई, जबकि जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादी भी मारे गए।
बलूचिस्तान में जारी विद्रोह और इसके कारण
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा और सबसे कम जनसंख्या वाला प्रांत है। यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों, विशेष रूप से गैस, कोयला और खनिजों से समृद्ध है। लेकिन, बलूच राष्ट्रवादी संगठनों का आरोप है कि इन संसाधनों को पाकिस्तान की सेना और पंजाबी अभिजात्य वर्ग अपने फायदे के लिए लूट रहा है, जबकि बलूच जनता बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित है।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और अन्य बलूच राष्ट्रवादी संगठनों का मानना है कि बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र राष्ट्र बनना चाहिए, ताकि यहाँ के संसाधनों का उपयोग बलूच जनता की भलाई के लिए किया जा सके।
पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बढ़ती बगावत
बीएलए के अनुसार, उनके हमलों का उद्देश्य पाकिस्तानी सेना को बलूचिस्तान से बाहर निकालना और बलूच राष्ट्र को स्वतंत्रता दिलाना है। हाल के वर्षों में, बीएलए और अन्य बलूच विद्रोही संगठनों ने पाकिस्तान में कई हमलों को अंजाम दिया है।
पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बढ़ती बगावत और बीएलए के हमलों से यह स्पष्ट है कि बलूचिस्तान में असंतोष गहराता जा रहा है। बलूच राष्ट्रवादी गुटों का कहना है कि जब तक पाकिस्तान बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण करना बंद नहीं करता और बलूच जनता को उनके अधिकार नहीं मिलते, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
क्या बलूचिस्तान में संघर्ष और बढ़ेगा?
बलूचिस्तान में लंबे समय से स्वतंत्रता की मांग उठती रही है, लेकिन हाल के वर्षों में यह संघर्ष और तेज हुआ है। पाकिस्तान सरकार और सेना की नीतियों के चलते बलूच विद्रोही संगठनों ने अपने हमले और अधिक आक्रामक कर दिए हैं।
बलूचिस्तान में बढ़ते हमलों और पाकिस्तान की नाकाम सुरक्षा नीति को देखते हुए यह साफ है कि आने वाले दिनों में यह संघर्ष और बढ़ सकता है। पाकिस्तान के लिए यह एक गंभीर चुनौती बनता जा रहा है, जिसका समाधान केवल सैन्य कार्रवाई से संभव नहीं है। पाकिस्तान को बलूच जनता की मांगों पर ध्यान देना होगा, वरना यह विद्रोह पाकिस्तान के लिए और भी बड़ा सिरदर्द बन सकता है।
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