पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला कर यात्रियों को बंधक बना लिया। इस हमले में विद्रोहियों ने ट्रेन पर रॉकेट से हमला किया और यात्रियों को बंधक बना लिया। इस हाईजैक ऑपरेशन के दौरान लगभग 400 से अधिक यात्री ट्रेन में मौजूद थे।
मुठभेड़ में 33 विद्रोही ढेर, 21 बंधकों की मौत
पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि उसने बड़े सैन्य अभियान के तहत सभी यात्रियों को मुक्त करा लिया है और विद्रोहियों के साथ जारी गतिरोध समाप्त हो चुका है। सेना के अनुसार, इस अभियान में 33 विद्रोही मारे गए, जबकि 21 बंधकों की जान चली गई। इस मुठभेड़ में चार पाकिस्तानी सैनिक भी मारे गए।
कैसे हुआ हमला?
बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस को विद्रोहियों ने बीच रास्ते में निशाना बनाया। उन्होंने पहले ट्रेन पर गोलीबारी की, फिर रॉकेट दागकर उसमें घुस गए। ट्रेन के ड्राइवर अमजद के अनुसार, “हमले के दौरान मैं तुरंत ट्रेन की फर्श पर लेट गया। विद्रोहियों ने खिड़की तोड़कर अंदर प्रवेश किया। उन्हें लगा कि मैं मर चुका हूं, इसलिए वे आगे बढ़ गए। इसके बाद मैं सुरक्षा बलों के आने तक लगभग 27 घंटे तक वहीं छिपा रहा।”
विद्रोहियों का अल्टीमेटम और बंधकों का कत्लेआम
BLA ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया कि उसने मंगलवार को 214 लोगों को बंधक बना लिया था। उन्होंने पाकिस्तानी सेना को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था कि यदि बलूच राजनीतिक कैदियों, कार्यकर्ताओं और लापता लोगों को रिहा नहीं किया गया, तो वे बंधकों की हत्या कर देंगे।
बुधवार शाम तक विद्रोही समूह ने 50 बंधकों को मार डालने का दावा किया। यह पाकिस्तान के लिए एक बड़े सुरक्षा संकट के रूप में उभरा।
सैन्य ऑपरेशन का आखिरी चरण
पाकिस्तान के जूनियर आंतरिक मंत्री तलाल चौधरी ने बताया कि विद्रोहियों ने आत्मघाती जैकेट पहनी हुई थी और वे बंधकों के बीच बैठ गए थे, जिससे सैन्य अभियान चलाना बेहद कठिन हो गया था।
उन्होंने आगे बताया कि इस ऑपरेशन में सैकड़ों सैनिकों को तैनात किया गया था। वायुसेना और विशेष बलों को भी बुलाया गया। अभियान के अंतिम चरण में विशेष बलों ने पहले आत्मघाती हमलावरों को निशाना बनाया और फिर ट्रेन के एक डिब्बे से दूसरे डिब्बे में जाकर विद्रोहियों को मार गिराया।
सेना का दावा: सफल रहा ऑपरेशन
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि ऑपरेशन बेहद सावधानी से किया गया, ताकि किसी भी नागरिक की जान न जाए। उन्होंने कहा, “हमने महिलाओं और बच्चों समेत बड़ी संख्या में यात्रियों को सुरक्षित मुक्त कराया है।”
बलूचिस्तान में बढ़ते उग्रवादी हमले
बलूच लिबरेशन आर्मी लंबे समय से पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ संघर्ष कर रही है। बलूचिस्तान में विद्रोही समूहों द्वारा सेना और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमले होते रहे हैं। लेकिन ट्रेन हाईजैक जैसी घटना ने पाकिस्तान के सुरक्षा तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या होगा आगे?
इस घटना के बाद पाकिस्तान सरकार और सेना पर बलूचिस्तान की सुरक्षा को लेकर दबाव बढ़ गया है। आने वाले समय में पाकिस्तानी सेना और विद्रोही समूहों के बीच संघर्ष और तेज होने की संभावना है।
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