पश्चिम बंगाल की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज़ हो गया है। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के विवादास्पद बयान के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर कड़ा पलटवार किया है।
क्या है विवाद की जड़?
विधानसभा सत्र के दौरान बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने सदन में विधायक का माइक बंद किए जाने को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि यदि पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सरकार बनती है, तो मुस्लिम विधायकों को विधानसभा से बाहर फेंक दिया जाएगा। इस बयान ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया
ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि अगर कोई यह साबित कर दे कि वामपंथी शासन के दौरान उन्होंने विधानसभा में कुर्सी या मेज तोड़ी थी, तो वह तत्काल इस्तीफा दे देंगी। उन्होंने बिना नाम लिए शुभेंदु अधिकारी पर तंज कसते हुए कहा, “इस पार्टी (बीजेपी) में बहुत गुस्सा है क्योंकि यह इफ्तार का महीना है। जब आप तृणमूल में थे, तब इफ्तार करते थे और अब जब आपने पार्टी बदल ली है, तो अचानक आपकी सोच बदल गई है।”
धर्म और राजनीति पर सवाल
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईरान और सऊदी अरब जाते हैं, तो वहां धर्म आड़े नहीं आता। फिर विपक्षी नेता धर्म के नाम पर राजनीति क्यों कर रहे हैं? उन्होंने जोर देकर कहा कि जब किसी को रक्त चढ़ाया जाता है, तो क्या यह देखा जाता है कि वह किस धर्म का है? उन्होंने विपक्ष पर धार्मिक विभाजन की राजनीति करने का आरोप लगाया।
फिरहाद हकीम को दी चेतावनी
ममता बनर्जी ने टीएमसी नेता फिरहाद हकीम को भी चेतावनी दी कि वह किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक बयानबाजी से बचें। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है, लेकिन फिर भी किसी को भी ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जो समाज को बांटने का काम करें। उन्होंने शुभेंदु अधिकारी के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा, “33% अल्पसंख्यक मतदाताओं के बारे में बीजेपी क्या सोचती है? क्या उन्हें भी बाहर कर दिया जाएगा?”
बीजेपी के आंतरिक संघर्ष पर कटाक्ष
ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता राज्य अध्यक्ष पद के लिए क्यों लड़ रहे हैं? अगर वह एक अच्छे नेता हैं, तो उन्हें पद की लड़ाई में नहीं पड़ना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह बीजेपी का आंतरिक मामला है और इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
राजनीति में बढ़ते तनाव के संकेत
इस पूरे विवाद ने पश्चिम बंगाल की राजनीति को और गरमा दिया है। एक ओर जहां बीजेपी लगातार टीएमसी सरकार पर हमले बोल रही है, वहीं ममता बनर्जी भी अपने तीखे बयानों से बीजेपी को जवाब दे रही हैं।
आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह राजनीतिक जंग क्या नया मोड़ लेती है और क्या इसका असर आगामी चुनावों पर पड़ेगा।
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