संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत आज से हो गई है। हालांकि, इस सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही, क्योंकि विपक्ष ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। इनमें अमेरिका के ट्रेड टैरिफ, मतदाता सूची में कथित हेरफेर, वक्फ विधेयक, परिसीमन, और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में तीन-भाषा नियम शामिल हैं।
विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच टकराव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार इस सत्र में बजटीय प्रक्रिया पूरी करने, अनुदानों की मांगों के लिए संसदीय मंजूरी प्राप्त करने और वक्फ संशोधन विधेयक सहित अन्य प्रमुख कानूनों को पारित करने का प्रयास करेगी। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस की संभावना है।
लोकसभा में हंगामा और स्थगन
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की टिप्पणी को लेकर डीएमके सांसदों ने लोकसभा में जोरदार हंगामा किया, जिसके कारण सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। डीएमके नेता डॉ. टी. सुमति ने तमिलनाडु में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के क्रियान्वयन पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार से आश्वासन मांगा कि एनईपी को अस्वीकार करने वाले राज्यों को वित्तीय कटौती का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस पर धर्मेंद्र प्रधान ने डीएमके पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वे “सभ्य समाज से नहीं आते, अलोकतांत्रिक हैं, और तमिलनाडु के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।”
राज्यसभा में चैंपियंस ट्रॉफी की बधाई
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम की जीत पर राज्यसभा सदस्यों की ओर से बधाई दी।
मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष का प्रदर्शन
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने मणिपुर का मुद्दा उठाया और जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्षी सांसदों ने नारे लगाए कि “मणिपुर जल रहा है,” जिसके कारण सदन में अस्थायी रूप से अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो गई।
स्पीकर ओम बिरला की अपील
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों से शांत रहने और संसद के मूल्यों का सम्मान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का आचरण संसद की गरिमा के खिलाफ है और सभी को लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन करना चाहिए।
वक्फ विधेयक और सरकार की रणनीति
वक्फ विधेयक को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बड़ा टकराव देखने को मिल सकता है। पिछले महीने केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कुछ बदलावों के बाद इस विधेयक को मंजूरी दी थी। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार इस विधेयक को जल्द से जल्द पारित कराने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि इससे मुस्लिम समुदाय से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे हल हो सकेंगे।
बजट सत्र का आगे का कार्यक्रम
बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी तक चला था, जबकि दूसरा चरण 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान कुल 20 बैठकें होंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस सत्र में मणिपुर के लिए विशेष बजट भी पेश करेंगी, जो चर्चा का एक प्रमुख विषय रहेगा।
बजट सत्र के इस दूसरे चरण में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कड़ा टकराव देखने को मिल सकता है। विपक्ष जहां विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है, वहीं सरकार अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी दिनों में यह सत्र कितना प्रभावी साबित होता है और किस तरह से संसदीय प्रक्रियाएं आगे बढ़ती हैं।
Discussion about this post