कनाडा के अगले प्रधानमंत्री की दौड़: क्या मार्क कार्नी होंगे विजेता?

कनाडा के अगले प्रधानमंत्री के चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। देश में महीनों से यह सवाल चर्चा का विषय बना हुआ है कि अगला प्रधानमंत्री कौन होगा? इस बीच, अमेरिका और कनाडा के बीच टैरिफ और व्यापारिक नीतियों को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में यह अत्यंत आवश्यक हो गया है कि कनाडा जल्द से जल्द अपने नए नेता का चयन करे, जो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक नीतियों और भड़काऊ बयानों से उत्पन्न चुनौतियों का सामना कर सके।
संकट प्रबंधन के माहिर मार्क कार्नी
ऐसे समय में संकट प्रबंधन में निपुण और अनुभवी केंद्रीय बैंकर मार्क कार्नी का नाम प्रमुखता से उभर कर सामने आ रहा है। लिबरल पार्टी द्वारा रविवार को अपनी नेतृत्व घोषणा के साथ कार्नी को निवर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की जगह लेने के लिए सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
59 वर्षीय मार्क कार्नी, जो पहले कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर रह चुके हैं, एक स्थिर और प्रभावशाली नेता के रूप में देखे जा रहे हैं। उन्होंने 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान कुशल नेतृत्व दिखाते हुए कनाडा को अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में रखा था। उनकी रणनीतियों, जैसे कि ब्याज दरों पर स्पष्ट मार्गदर्शन और जटिल वित्तीय नीतियों को सरल भाषा में समझाने की क्षमता, ने उन्हें अर्थशास्त्रियों और नीति-निर्माताओं के बीच विश्वसनीयता दिलाई।
लिबरल पार्टी में कार्नी की बढ़ती पकड़
जनवरी में नेतृत्व की दौड़ में शामिल होने के बाद से कार्नी ने अपनी स्थिति मजबूत की है। उन्हें लिबरल पार्टी के कई कैबिनेट मंत्रियों और सांसदों का समर्थन प्राप्त हुआ है। उनकी मुख्य प्रतिद्वंदी, पूर्व उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड, जिन्होंने दिसंबर में ट्रूडो सरकार से इस्तीफा दिया था, अब एक कमजोर दावेदार मानी जा रही हैं।
अमेरिका-कनाडा संबंधों पर प्रभाव
कनाडा के राजनीतिक बदलाव के पीछे प्रमुख कारणों में अमेरिका के साथ बढ़ते आर्थिक और कूटनीतिक तनाव हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक व्यापार नीतियों और कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने जैसी उनकी भड़काऊ टिप्पणियों ने कनाडा में राष्ट्रवादी भावना को और अधिक भड़का दिया है। कनाडाई नागरिकों ने अमेरिकी राष्ट्रगान का विरोध किया है और अमेरिकी उत्पादों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है।
इस पूरे घटनाक्रम ने सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी को आगामी चुनावों में बढ़त दिलाई है। इसी बीच, ट्रूडो के पद छोड़ने के फैसले ने आगामी नेतृत्व चुनाव को वाशिंगटन के साथ कनाडा के अस्थिर होते संबंधों पर एक जनमत संग्रह बना दिया है।
नेतृत्व चुनाव और संभावित भविष्य
लिबरल पार्टी द्वारा आयोजित नेतृत्व चुनाव में लगभग 1,40,000 पार्टी सदस्य हिस्सा लेंगे, और विजेता की घोषणा रविवार को होने की उम्मीद है। यदि नए लिबरल नेता द्वारा चुनावों की घोषणा की जाती है, तो एक आकस्मिक चुनाव हो सकता है, या फिर संसद में अविश्वास मत द्वारा भी चुनाव की संभावना बन सकती है।
कनाडा के अगले प्रधानमंत्री के लिए यह एक निर्णायक समय होगा। अमेरिकी कूटनीतिक और आर्थिक तनाव के बीच देश की स्थिरता और भविष्य काफी हद तक इस नए नेता की नीतियों पर निर्भर करेगा। क्या मार्क कार्नी इस चुनौती को स्वीकार कर देश का नेतृत्व संभाल पाएंगे? इसका उत्तर आने वाले दिनों में मिलेगा।
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