भारतीय रेलवे ने स्टेशनों पर बढ़ती भीड़भाड़ और भगदड़ को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस विषय पर विस्तार से चर्चा की गई और कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इन नए नियमों के तहत प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दी जाएगी।
महाकुंभ से सीखा सबक, 60 स्टेशनों पर नई व्यवस्था
महाकुंभ के दौरान देशभर के 60 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर अस्थायी प्रतीक्षालय क्षेत्र बनाए गए थे, जिससे भीड़ नियंत्रण में सहायता मिली। इन प्रतीक्षालयों को अब स्थायी किया जा रहा है ताकि त्योहारों और अन्य विशेष अवसरों पर यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
नई व्यवस्था के तहत प्लेटफॉर्म पर केवल कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को ही प्रवेश मिलेगा। इसके अलावा, स्टेशनों के सभी अनधिकृत प्रवेश बिंदुओं को सील कर दिया जाएगा। शुरुआत में इस पायलट प्रोजेक्ट को नई दिल्ली, आनंद विहार, सूरत, वाराणसी, अयोध्या और पटना स्टेशनों पर लागू किया जा रहा है।
प्रतीक्षालयों में होगा यात्रियों का ठहराव
बिना टिकट या प्रतीक्षा सूची में आने वाले यात्रियों को वेटिंग एरिया में ही रोका जाएगा। इससे प्लेटफॉर्म पर अचानक भीड़ नहीं बढ़ेगी और यात्री सुव्यवस्थित रूप से यात्रा कर सकेंगे। यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर तभी जाने दिया जाएगा, जब उनकी ट्रेन स्टेशन पर पहुंच जाएगी।
स्टेशनों पर होंगे चौड़े फुट-ओवर ब्रिज
यात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए रेलवे ने बड़े और चौड़े फुट-ओवर ब्रिज बनाने की योजना बनाई है। इन पुलों की लंबाई 12 मीटर और चौड़ाई 6 मीटर होगी, जिससे यात्रियों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
सुरक्षा होगी और भी मजबूत
रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा को और अधिक सख्त बनाने के लिए बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। प्रमुख स्टेशनों पर “वार रूम” की भी व्यवस्था की जाएगी, जहां से भीड़ की स्थिति को नियंत्रित किया जाएगा। आधुनिक डिजिटल संचार उपकरण जैसे वॉकी-टॉकी इत्यादि भी रेलवे स्टाफ को उपलब्ध कराए जाएंगे।
रेलवे स्टाफ के लिए नया ड्रेस कोड
स्टेशनों पर काम करने वाले रेलवे स्टाफ और अन्य सेवा कर्मियों के लिए विशेष ड्रेस कोड लागू किया गया है। उन्हें नया परिचय पत्र और यूनिफॉर्म दिया जाएगा ताकि केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही प्लेटफॉर्म पर प्रवेश की अनुमति मिले। आपातकालीन परिस्थितियों में यूनिफॉर्म से रेलवे स्टाफ को आसानी से पहचाना जा सकेगा।
स्टेशन निदेशक को मिलेंगे विशेष अधिकार
स्टेशनों पर बेहतर प्रबंधन के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को स्टेशन निदेशक नियुक्त किया जाएगा। यह निदेशक सभी विभागों के प्रमुखों को रिपोर्ट करेगा और उसे वित्तीय अधिकार भी प्रदान किए जाएंगे ताकि व्यवस्था में सुधार के लिए त्वरित निर्णय लिए जा सकें।
नियंत्रित होगी टिकटों की बिक्री
रेलवे ने तय किया है कि स्टेशन की क्षमता और उपलब्ध ट्रेनों के अनुसार ही टिकटों की बिक्री की जाएगी। अब क्षमता से अधिक टिकट नहीं बेचे जाएंगे, जिससे स्टेशनों पर अनावश्यक भीड़ न बढ़े और यात्री सुगमता से यात्रा कर सकें।
यात्रियों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का लक्ष्य
भारतीय रेलवे द्वारा उठाए गए इन सख्त कदमों का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा अनुभव प्रदान करना है। त्योहारों और विशेष अवसरों पर स्टेशनों पर बढ़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यह पहल बेहद कारगर साबित होगी।
इन नए नियमों के लागू होने से यात्री न केवल आसानी से यात्रा कर सकेंगे, बल्कि रेलवे स्टेशनों पर भीड़भाड़ और भगदड़ की घटनाओं से भी बचा जा सकेगा।
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