अमेरिका के फ्लोरिडा से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक भारतीय मूल की 67 वर्षीय नर्स लीलाम्मा लाल पर बेरहमी से हमला किया गया। इस हमले में नर्स को गंभीर चोटें आईं, उनके चेहरे पर फ्रैक्चर हुआ और कॉलरबोन टूट गई। यह घटना 18 फरवरी, 2025 को पाम वेस्ट अस्पताल में घटी, जिसने चिकित्सा क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।
हमले की पूरी घटना
लीलाम्मा लाल अस्पताल में अपनी ड्यूटी निभा रही थीं जब उन पर 33 वर्षीय मरीज स्टीफन स्कैंटलबरी ने अचानक हमला कर दिया। यह हमला इतना क्रूर था कि नर्स का चेहरा बुरी तरह जख्मी हो गया, सिर से खून बहने लगा और उनकी आंखों में गंभीर सूजन आ गई। सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, यह हमला एक से दो मिनट तक चला।
घटनास्थल पर मौजूद चिकित्सा कर्मियों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया। स्कैंटलबरी पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया है। आश्चर्यजनक रूप से, यह व्यक्ति खुद एक मानसिक रोगी था और हमले के दौरान बिना शर्ट और जूतों के था।
नस्लीय भेदभाव का भी मिला संकेत
हमलावर स्कैंटलबरी ने हमला करने के बाद नस्लीय टिप्पणी भी की। उसने कहा, “भारतीय बुरे हैं और मैंने अभी-अभी एक भारतीय डॉक्टर को मारा है।” इस बयान से यह साफ होता है कि हमले के पीछे नस्लीय नफरत भी एक बड़ा कारण हो सकता है।
पीड़िता की हालत गंभीर
लीलाम्मा लाल की बेटी सिंडी जोसेफ ने बताया कि उनकी मां को गहरी चोटें आई हैं। उनके सिर में सबड्यूरल रक्तस्राव हुआ है, चेहरा पूरी तरह से फ्रैक्चर हो गया है और उन्हें सांस लेने के लिए ट्यूब लगाई गई है। सिंडी ने कहा, “मैं उन्हें पहचान भी नहीं पाई। उनके चेहरे पर गहरे चोट के निशान हैं और उनकी आंखें सूज गई हैं।”
मानसिक स्वास्थ्य आधार पर राहत नहीं
स्कैंटलबरी की पत्नी ने अदालत में गवाही दी कि हाल के दिनों में उनके पति को पागलपन के दौरे पड़ रहे थे और उन्हें लग रहा था कि उनके घर पर जासूसी हो रही है। हालांकि, जज ने उसे मानसिक स्वास्थ्य सुविधा में भेजने की याचिका खारिज कर दी और इसे समय से पहले बताया।
चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा को लेकर चिंता
इस घटना के बाद चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा को लेकर बहस तेज हो गई है। सुरक्षा उपायों को कड़ा करने और हमलावर को कड़ी सजा देने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई, जिस पर केवल तीन दिनों में 10,000 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए।
पाम बीच काउंटी शेरिफ ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया कि घटना की सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुंचे और घायल नर्स को सेंट मैरी अस्पताल भेजा गया। 33 वर्षीय स्कैंटलबरी को तुरंत हिरासत में लिया गया।
क्या कहना है चिकित्सा समुदाय का?
अस्पतालों में काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। कई संगठनों ने अस्पतालों में सुरक्षा को मजबूत करने और हिंसक मरीजों के लिए विशेष सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने की मांग की है।
फ्लोरिडा में हुई इस भयावह घटना ने चिकित्सा जगत को हिला कर रख दिया है। नस्लीय भेदभाव और सुरक्षा की कमी के कारण ऐसे मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, जिससे स्वास्थ्यकर्मियों को अपनी ड्यूटी निभाने में डर महसूस होने लगा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस घटना के बाद सुरक्षा बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाता है और दोषी को किस प्रकार की सजा दी जाती है।
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