जब दिल्ली की सड़कों पर रात की रोशनी टिमटिमाने लगती थी और उनके सहकर्मी दिनभर की मेहनत के बाद आराम कर रहे होते थे, तब काजल जौला के लिए असली दिन की शुरुआत होती थी। अपनी कॉरपोरेट नौकरी से रात 8 बजे निकलकर डेढ़ घंटे की लंबी यात्रा तय करते हुए, वह अपने सपनों की ओर एक कदम और बढ़ाती थीं। इसी दौरान वह करंट अफेयर्स की गहराई में उतरतीं और अपनी तैयारी को धार देतीं।
कॉरपोरेट करियर से UPSC तक का सफर
काजल जौला ने इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर नौ साल तक गुड़गांव की मल्टीनेशनल कंपनियों में काम किया। यह नौकरी उनके लिए सिर्फ आय का साधन नहीं थी, बल्कि एक जरिया थी जिससे वह अपने शिक्षा ऋण को चुका सकें और UPSC की तैयारी का खर्च उठा सकें।
2012 में जब उन्होंने पहली बार UPSC की परीक्षा दी, तो सफलता हाथ नहीं लगी। 2014 और 2016 में भी परिणाम अनुकूल नहीं आए। इस दौरान, उन्होंने कई बार नौकरी बदली और शादी का महत्वपूर्ण निर्णय भी लिया।
शादी बनी टर्निंग पॉइंट
2017 में जब उन्होंने अपने पति से अपनी अधूरी इच्छाओं के बारे में बात की, तो उन्हें फिर से प्रयास करने की प्रेरणा मिली। पति के सहयोग और उनके अटूट संकल्प ने उन्हें 2018 में अखिल भारतीय 28वीं रैंक हासिल करने की राह दिखाई।
UPSC की तैयारी के लिए काजल की रणनीतियाँ
समय प्रबंधन: यात्रा के दौरान अखबार पढ़ना, करंट अफेयर्स की क्विज हल करना और छोटे-छोटे ब्रेक में पढ़ाई को जारी रखना।
वीकेंड का पूरा उपयोग: शनिवार को दिनभर पढ़ाई और रविवार को उन विषयों पर ध्यान देना जो सप्ताह में छूट गए थे।
सरल जीवनशैली: समय बचाने के लिए आसान भोजन और घर के छोटे कामों को न्यूनतम रखना।
संगठित दिनचर्या: हर काम के लिए अलार्म सेट करना ताकि समय का सही उपयोग हो सके।
छुट्टियों का सही उपयोग
प्रीलिम्स से पहले एक हफ्ते की छुट्टी लेकर पूरी तरह से तैयारी पर ध्यान केंद्रित किया।
मेन्स परीक्षा से पहले 45 दिन की छुट्टी ली ताकि गहन अध्ययन और रिवीजन संभव हो सके।
इंटरव्यू से पहले एक हफ्ते की छुट्टी लेकर उत्तरों को प्रभावी बनाने पर ध्यान दिया।
लेखन कौशल में सुधार के लिए अपनाए गए तरीके
पॉइंट फॉर्मेट में उत्तर लिखना ताकि उत्तर संक्षिप्त और प्रभावी हों।
फ्लो चार्ट और डायग्राम का उपयोग ताकि उत्तर अधिक आकर्षक और जल्दी समझने योग्य बनें।
बार-बार उत्तर लिखकर अभ्यास करना ताकि लेखन गति और गुणवत्ता में सुधार हो।
सही अध्ययन सामग्री का चयन
करंट अफेयर्स के लिए ‘द हिंदू’ अखबार पढ़ा।
इतिहास के लिए बिपिन चंद्र, आरएस शर्मा, और तमिलनाडु बोर्ड की किताबों का अध्ययन किया।
अर्थव्यवस्था के लिए रमेश सिंह की पुस्तक पढ़ी।
सीमित स्रोतों को बार-बार दोहराने पर जोर दिया, बजाय नई-नई किताबें पढ़ने के।
ऑप्शनल विषय का चयन
काजल ने जूलॉजी को अपने ऑप्शनल विषय के रूप में चुना क्योंकि इसमें उनकी स्वाभाविक रुचि थी। वह उम्मीदवारों को सलाह देती हैं कि वे अपने मजबूत विषय को ही चुनें ताकि उसमें अच्छी पकड़ बन सके।
IAS बनने का सपना और कॉरपोरेट छोड़ने का निर्णय
2019 में, जब काजल ने लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में ट्रेनिंग शुरू की, तो उनके सहकर्मी और परिवार वाले हैरान थे। उन्होंने ऑनलाइन स्टडी ग्रुप्स का भरपूर उपयोग किया, जिससे वे अपने उत्तरों को बेहतर बना सकें।
संघर्ष से सफलता तक
काजल की कहानी लाखों UPSC उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा है, खासकर उन लोगों के लिए जो नौकरी के साथ तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने साबित किया कि दृढ़ निश्चय, सही रणनीति, अनुशासन और समय प्रबंधन से हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
“अगर आप नौकरी के साथ UPSC की तैयारी कर रहे हैं, तो लक्ष्य पर नजर बनाए रखें और व्यर्थ चीजों में समय बर्बाद न करें। मेहनत और सही रणनीति से सफलता जरूर मिलेगी।” – काजल जौला
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