उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी का दौर जारी है। मौसम विभाग के अनुसार, इसके पीछे पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर से उत्तर-पश्चिम भारत में पहुंच रही भारी नमी जिम्मेदार है। इसके प्रभाव से हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश और बर्फबारी हो रही है। वहीं, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी इसका असर देखने को मिल रहा है।
हिमाचल-उत्तराखंड में भारी बर्फबारी और बारिश का अनुमान
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में गरज के साथ भारी से बहुत भारी बारिश, बर्फबारी और वज्रपात की आशंका है। हिमाचल में 120 मिमी तक बारिश हो सकती है, जबकि उत्तराखंड में 70 मिमी से अधिक बारिश का अनुमान है।
दिल्ली-एनसीआर और मैदानी इलाकों में मौसम का मिजाज बदला
मौसम विभाग ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में तेज हवा, ओलावृष्टि और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। इन इलाकों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी बर्फबारी के आसार
शनिवार को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। इन इलाकों में वज्रपात और तेज बारिश के चलते तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी।
तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में भी बारिश
दक्षिण भारत में भी मौसम का असर दिखने वाला है। तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के विभिन्न इलाकों में गरज के साथ भारी बारिश हो सकती है। इन इलाकों में 70 मिमी तक बारिश होने की संभावना जताई गई है।
कोंकण, गोवा और तटीय कर्नाटक में हीटवेव का खतरा
उत्तर भारत में जहां बारिश और बर्फबारी हो रही है, वहीं पश्चिमी तटीय इलाकों में हीटवेव का खतरा मंडरा रहा है। कोंकण, गोवा और तटीय कर्नाटक के विभिन्न क्षेत्रों में तापमान बढ़ने की संभावना है, जिससे लोगों को लू से बचाव के उपाय करने की जरूरत होगी।
तूफानी हवाओं का भी अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, मन्नार की खाड़ी, दक्षिण तमिलनाडु तट, कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण अंडमान सागर, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं, जो बाद में 55 किमी प्रति घंटे तक बढ़ सकती हैं। यह स्थिति 2 मार्च तक बनी रह सकती है।
तापमान में गिरावट के आसार
अगले दो दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत के न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, लेकिन उसके बाद तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आ सकती है। वहीं, भारत के अन्य हिस्सों में तापमान में ज्यादा बदलाव की संभावना नहीं है।
सावधानी बरतने की सलाह
मौसम विभाग ने इन मौसमी परिस्थितियों को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। पहाड़ी इलाकों में यात्रा करने वालों को विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि भारी बर्फबारी और भूस्खलन जैसी घटनाएं हो सकती हैं। वहीं, मैदानी इलाकों में बिजली गिरने और ओलावृष्टि से बचाव के उपाय करने चाहिए।
उत्तर भारत में बदलते मौसम को ध्यान में रखते हुए लोग सावधान रहें और मौसम विभाग के अपडेट्स पर नजर बनाए रखें।
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