वाशिंगटन डीसी में अमेरिका और यूक्रेन के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया जब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तीखी बहस छिड़ गई। यह बहस रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी समर्थन पर केंद्रित रही, जिसने दोनों देशों के संबंधों में नई खटास ला दी।
ट्रंप का तीखा बयान, जेलेंस्की का करारा जवाब
व्हाइट हाउस में एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपति ट्रंप ने जेलेंस्की पर गंभीर आरोप लगाए। ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन युद्धविराम न करके लाखों लोगों की जान से खेल रहा है और यह तीसरे विश्वयुद्ध की ओर बढ़ने जैसा है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अंततः यूक्रेन को रूस के साथ समझौता करना ही पड़ेगा।
इसके जवाब में जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन को युद्धविराम की आवश्यकता नहीं है, बल्कि अपने देश की रक्षा करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका द्वारा दी जा रही सैन्य सहायता उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण है और यदि अमेरिका समर्थन वापस लेता है तो रूस से लड़ना उनके लिए कठिन हो जाएगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बढ़ता तनाव, अधूरी रही संयुक्त वार्ता
ट्रंप के बयान से नाराज जेलेंस्की ने वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी नेतृत्व पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अमेरिका को यह तय करना होगा कि वह यूक्रेन का समर्थन जारी रखना चाहता है या नहीं। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दोनों नेताओं के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि संयुक्त प्रेस वार्ता को रद्द कर दिया गया।
रॉयटर्स के अनुसार, बहस के कुछ देर बाद ही जेलेंस्की व्हाइट हाउस छोड़कर चले गए। इससे यह संकेत मिलता है कि दोनों नेताओं के बीच बनी दूरी फिलहाल खत्म होने वाली नहीं है।
माफी मांगने से इनकार, लेकिन रिश्तों को लेकर जताया खेद
फॉक्स न्यूज को दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में जेलेंस्की ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह अपने व्यवहार के लिए माफी नहीं मांगेंगे। हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि ट्रंप के साथ हुई यह बहस दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के लिए अच्छी नहीं थी। जेलेंस्की ने कहा, “मैं अमेरिकी लोगों का सम्मान करता हूं और मुझे यकीन है कि हमने कुछ गलत नहीं किया।”
खनिज समझौते पर भी अटका मामला
व्हाइट हाउस में हुई इस गर्मागर्म बहस के कारण अमेरिका और यूक्रेन के बीच एक महत्वपूर्ण खनिज समझौते पर भी हस्ताक्षर नहीं हो सके। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, ट्रंप ने किसी समझौते से इनकार नहीं किया है, लेकिन यह विवाद अमेरिका और यूक्रेन के व्यापारिक संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है।
आगे क्या?
इस पूरी घटना के बाद सवाल यह उठ रहा है कि अमेरिका और यूक्रेन के रिश्ते किस दिशा में जाएंगे। क्या अमेरिका यूक्रेन का समर्थन जारी रखेगा, या ट्रंप की चेतावनी के बाद सहायता में कटौती होगी? इस बहस ने वैश्विक राजनीति को एक नया मोड़ दे दिया है, और आने वाले दिनों में इस पर और अधिक प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं।
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