उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव के पास एक बड़ा हादसा हुआ, जब ग्लेशियर टूटने से भीषण हिमस्खलन हुआ। इस घटना में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइज़ेशन (बीआरओ) के कैंप को भारी नुकसान पहुंचा है। कैंप में मौजूद 57 मजदूरों में से अब तक 16 को सुरक्षित बाहर निकाला गया है, जबकि 42 मजदूर लापता बताए जा रहे हैं। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी सेना और आईटीबीपी
हिमस्खलन की घटना के बाद भारतीय सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की टीमें तुरंत मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू कर दिया। एनडीआरएफ की दो टीमें भी जल्द ही घटना स्थल पर पहुंचने वाली हैं। हाईवे बर्फ से ढका होने के कारण एनडीआरएफ की टीमों को घटनास्थल तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
एसडीआरएफ की हाई-एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम अलर्ट पर
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की हाई-एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को हेलीकॉप्टर से निकटतम उपलब्ध स्थान पर उतारने की योजना बनाई गई है। एसडीआरएफ की एक टीम जोशीमठ से रवाना हो चुकी है, जबकि दूसरी टीम सहस्रधारा हेलीपैड पर अलर्ट पर रखी गई है। इसके अलावा, ड्रोन टीम को भी तैयार स्थिति में रखा गया है, हालांकि भारी बर्फबारी के कारण अभी ड्रोन ऑपरेशन संभव नहीं हो सका है।
मौसम विभाग ने जारी की भारी बर्फबारी और एवलांच की चेतावनी
मौसम विभाग ने शुक्रवार को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में भारी बारिश और 3,200 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी की संभावना जताई है। इसके चलते राज्य आपातकालीन केंद्र ने हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है।
मुख्यमंत्री और गृह मंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और स्थानीय प्रशासन को बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री धामी, डीजी आईटीबीपी और डीजी एनडीआरएफ से बातचीत कर घटना की जानकारी ली और कहा कि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालना सरकार की प्राथमिकता है।
अब तक 16 मजदूर निकाले गए, तीन की हालत गंभीर
अब तक बर्फ में दबे 16 मजदूरों को निकाल लिया गया है, जिनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें सेना चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। ये सभी मजदूर माणा से माणा पास तक 50 किमी क्षेत्र में हाईवे चौड़ीकरण और डामरीकरण के कार्य में लगे थे। इस सड़क का निर्माण कार्य ईपीसी कंपनी के माध्यम से बीआरओ द्वारा कराया जा रहा है।
राहत एवं बचाव कार्य में तेजी
हिमस्खलन से प्रभावित क्षेत्र में बचाव कार्य तेजी से जारी है। सेना और आईटीबीपी के जवान बर्फ में दबे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। खराब मौसम और भारी बर्फबारी के बावजूद राहत एवं बचाव दल पूरी मुस्तैदी से जुटे हुए हैं।
सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे पहाड़ी क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा करने से बचें और प्रशासन द्वारा जारी की गई चेतावनियों का पालन करें।
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