गुवाहाटी भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में आर्थिक विकास, नवाचार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए बहुप्रतीक्षित ‘एडवांटेज असम 2.0’ और ‘निवेश एवं अवसंरचना शिखर सम्मेलन 2025’ का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भव्य उद्घाटन किया गया। इस महत्वपूर्ण आयोजन में भारत और विदेशों के कई प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिससे असम और उत्तर-पूर्वी भारत में विकास की नई संभावनाओं के द्वार खुलने की उम्मीद है।
पूर्वोत्तर का प्रवेशद्वार: असम पर केंद्रित निवेश
तमिलनाडु के पेंटा पुलिस फाउंडेशन के महानिदेशक सरिश कुमार ने इस शिखर सम्मेलन में असम के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “हम इस तरह के आयोजन को देखकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि यह आज की जरूरत है। असम हमारे देश के पूर्वोत्तर भाग का प्रवेशद्वार है, और हम अपने माननीय प्रधानमंत्री के संदेशों से बहुत प्रेरित हैं।”
इस सम्मेलन के माध्यम से सरकार असम को एक औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है, जिससे क्षेत्र में नए रोजगार अवसर सृजित होंगे और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
वैश्विक भागीदारी और सतत विकास की पहल
इस आयोजन में कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि भी शामिल हुए, जिन्होंने असम और भारत के सतत विकास में अपने योगदान की इच्छा जाहिर की। स्वीडन से आए प्रतिनिधि और बूट्स इम्पेक्स लिमिटेड में प्रौद्योगिकी नवाचार और स्थिरता के प्रमुख इमाद एगी ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा, “हम वास्तव में इस आयोजन से प्रभावित हैं और इसलिए हमने यहां एक बूथ भी बनाया है। हम बातचीत करने जा रहे हैं और देखेंगे कि हम नेट जीरो (शून्य कार्बन उत्सर्जन) लक्ष्य को कैसे प्राप्त कर सकते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “हम भारत में पहली नेट जीरो निर्माण कंपनी के लिए काम कर रहे हैं। यह आयोजन हमें समझने और सहयोग करने का एक बेहतरीन मंच प्रदान करता है। असम के लोग खुले विचारों वाले हैं और वे अलग तरह से सोचते हैं, जिससे इस पहल को बल मिलेगा।”
पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता की दिशा में एक कदम
इमाद एगी ने इस आयोजन के प्रभाव पर चर्चा करते हुए कहा कि यह न केवल आर्थिक वृद्धि में सहायक होगा, बल्कि लोगों के जीवन और पर्यावरण में भी सुधार लाएगा। उन्होंने कहा, “यह आयोजन सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का यहां होना इस बात का संकेत है कि वे इस तरह की पहल का समर्थन करते हैं। मेरा मानना है कि वे एक स्मार्ट और दूरदर्शी नेता हैं, जो हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए एक बेहतर दुनिया की कल्पना करते हैं।”
बूट्स इम्पेक्स लिमिटेड में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विकास प्रबंधक निकोल एगी ने भी इस आयोजन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “यह भारत की पहली नेट जीरो कंपनी है, और मेरा मानना है कि यह आयोजन एक संकेत है कि समान विचारधारा वाली कंपनियां और व्यक्ति एक साथ आकर जलवायु परिवर्तन और कार्बन उत्सर्जन से जुड़े दबाव वाले मुद्दों को हल कर सकते हैं।”
नए भविष्य की ओर कदम
निकोल एगी ने आगे कहा, “यह आयोजन एक नए भविष्य की शुरुआत है। इससे हमें नए अवसर मिलेंगे और हम जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नए समाधान तलाश पाएंगे।” इस सम्मेलन से स्पष्ट है कि असम और पूर्वोत्तर भारत सतत विकास और वैश्विक निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए ‘एडवांटेज असम 2.0’ और ‘निवेश एवं अवसंरचना शिखर सम्मेलन 2025’ ने भारत और वैश्विक स्तर पर निवेशकों को असम और उत्तर-पूर्व में निवेश करने के लिए एक नया मंच प्रदान किया है। यह न केवल आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि सतत विकास, नवाचार और रोजगार सृजन के अवसर भी पैदा करेगा। यह आयोजन असम को एक नए युग में ले जाने के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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