ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (बीबीसी) इंडिया की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत बीबीसी इंडिया पर 3.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, कंपनी के तीन डायरेक्टर्स पर भी 1.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
कैसे बढ़ी बीबीसी इंडिया की मुश्किलें?
साल 2023 में बीबीसी इंडिया के खिलाफ फेमा उल्लंघन के आरोपों की जांच शुरू हुई थी। ईडी ने नई दिल्ली और मुंबई में स्थित बीबीसी के दफ्तरों पर छापेमारी की थी। इसके पीछे ट्रांसफर प्राइसिंग नियमों और मुनाफे के डायवर्जन से जुड़े गैर-अनुपालन के आरोप थे।
ईडी के अनुसार, बीबीसी इंडिया ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 के प्रावधानों का उल्लंघन किया था। जांच के बाद एजेंसी ने पाया कि बीबीसी वर्ल्ड सर्विस इंडिया डिजिटल मीडिया के जरिए समाचार अपलोड और स्ट्रीमिंग करती है, जबकि इसके लिए सरकार ने केवल 26 प्रतिशत विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी थी। इसके बावजूद, बीबीसी इंडिया ने 100 प्रतिशत एफडीआई बनाए रखा, जिससे नियमों का उल्लंघन हुआ।
डायरेक्टर्स पर भी जुर्माना
बीबीसी इंडिया के तीन डायरेक्टर्स – गाइल्स एंटनी हंट, इंदु शेखर सिन्हा और पॉल माइकल गिबन्स – पर भी कुल 1.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। ईडी के अनुसार, इन अधिकारियों की भूमिका कंपनी के संचालन की देखरेख में महत्वपूर्ण थी, और इसलिए उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया गया है।
बीबीसी का क्या कहना है?
बीबीसी के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी हर देश के नियमों और कानूनों का पालन करती है, जिसमें भारत भी शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि बीबीसी वर्ल्ड सर्विस इंडिया या उसके निदेशकों को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से कोई आधिकारिक आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। आदेश मिलने के बाद, कंपनी इसे सावधानीपूर्वक समीक्षा करेगी और अगले कदमों पर विचार करेगी।
क्या था मामला?
2023 में बीबीसी पर टैक्स डिपार्टमेंट ने तब कार्रवाई की थी, जब कंपनी ने ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नामक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। यह डॉक्यूमेंट्री 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित थी। इस डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण के बाद केंद्र सरकार ने यूट्यूब और ट्विटर को इस डॉक्यूमेंट्री के लिंक हटाने के आदेश दिए थे।
इसके बाद फरवरी 2023 में तीन दिनों तक आयकर विभाग द्वारा बीबीसी के दफ्तरों पर सर्वे किया गया। इस दौरान, टैक्स अधिकारियों ने कई विसंगतियां पाईं, जिसमें ट्रांसफर प्राइसिंग नियमों का उल्लंघन और मुनाफे की गड़बड़ी शामिल थी।
सरकार की सख्ती और आगे की कार्रवाई
सरकार की नजर में विदेशी मीडिया संस्थानों द्वारा किए जा रहे निवेश और उनके संचालन को लेकर सतर्कता बढ़ाई जा रही है। बीबीसी इंडिया के खिलाफ हुई यह कार्रवाई भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। ईडी द्वारा जारी आदेश के बाद अब यह देखना होगा कि बीबीसी आगे क्या कदम उठाती है और क्या यह मामला कोर्ट तक पहुंचता है।
बीबीसी इंडिया पर ईडी की यह कार्रवाई मीडिया जगत में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखी जा रही है। यह मामला विदेशी मीडिया संगठनों के भारत में निवेश और उनके नियामक अनुपालन की निगरानी को और सख्त करने की दिशा में भी इशारा करता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीबीसी इंडिया इस जुर्माने के खिलाफ क्या कानूनी रास्ता अपनाती है और सरकार की आगे की कार्रवाई क्या होती है।
Discussion about this post