शुक्रवार को 98वें अखिल भारतीय मराठी सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-एसपी प्रमुख शरद पवार के प्रति आदर और सम्मान व्यक्त किया। इस घटना ने समारोह में उपस्थित दर्शकों को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने जोरदार तालियों से अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं।
सम्मेलन की गरिमामयी शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दीप प्रज्वलित करके इस भव्य समारोह का शुभारंभ करना था, लेकिन उन्होंने एक प्रेरणादायक पहल करते हुए स्वागत समिति के अध्यक्ष शरद पवार से भी दीप प्रज्वलन में शामिल होने का आग्रह किया। यह कदम उनकी विनम्रता और वरिष्ठ नेताओं के प्रति आदरभाव को दर्शाता है।
सम्मान का भावपूर्ण क्षण
इसके बाद जब शरद पवार अपना भाषण समाप्त करके प्रधानमंत्री मोदी के बगल वाली सीट पर बैठने के लिए पहुँचे, तो प्रधानमंत्री ने स्वयं उन्हें बैठने में मदद की। यही नहीं, उन्होंने एक और सराहनीय कदम उठाते हुए बोतल से गिलास में पानी भरकर शरद पवार को दिया। इस आत्मीय व्यवहार से पूरे सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी और दर्शकों ने मोदी की इस सद्भावना को सराहा।
शरद पवार के निमंत्रण पर मोदी की सहमति
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मेलन में आमंत्रित किए जाने पर शरद पवार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “आज शरद पवार जी के निमंत्रण पर मुझे इस गौरवशाली परंपरा में शामिल होने का अवसर मिला है।” यह वक्तव्य इस बात का प्रतीक था कि भारतीय राजनीति में परस्पर सम्मान और सद्भाव की परंपरा आज भी कायम है।
राजनीतिक सौहार्द्र का उदाहरण
पूरे समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और शरद पवार को एक-दूसरे से संवाद करते हुए देखा गया। यह दृश्य भारतीय लोकतंत्र में स्वस्थ राजनीतिक संबंधों का एक उदाहरण पेश करता है। राजनीतिक विचारधाराओं में भले ही मतभेद हों, लेकिन एक-दूसरे के प्रति सम्मान और सहयोग की भावना लोकतंत्र की सच्ची पहचान है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वरिष्ठ नेता शरद पवार के प्रति प्रदर्शित सम्मान न केवल भारतीय राजनीति में शिष्टाचार और सद्भावना का उदाहरण है, बल्कि यह यह भी दर्शाता है कि राजनीतिक भिन्नताओं के बावजूद पारस्परिक सम्मान महत्वपूर्ण होता है। यह घटना निश्चित रूप से भारतीय राजनीति में सकारात्मक संदेश देने वाली रही, जिसने दर्शकों को भी प्रेरित किया।
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