संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में एक बार फिर पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा उठाया, लेकिन भारत ने उसे करारा जवाब देकर सच का आईना दिखा दिया। हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का राग अलापा, जिस पर भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने स्पष्ट शब्दों में पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा को खारिज कर दिया।
भारत का दो-टूक जवाब
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने मंगलवार को दो-टूक शब्दों में कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के झूठ और दुष्प्रचार से कश्मीर की सच्चाई नहीं बदली जा सकती। भारत ने हमेशा इस क्षेत्र में लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखा है और हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में जनता की भारी भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र मजबूत और जीवंत है।
लोकतंत्र बनाम प्रोपेगेंडा
हरीश ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर पर झूठ फैलाने से पहले अपने देश की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों में जनता ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखते हैं। पाकिस्तान की तुलना में भारत में लोकतंत्र मजबूत है और यहां की जनता अपने अधिकारों का प्रयोग स्वतंत्र रूप से करती है।
पाकिस्तान को आतंकवाद का आईना
भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर भी घेरा। हरीश ने कहा कि पाकिस्तान दशकों से आतंकवाद को पाल-पोस रहा है और उसे बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र करार देते हुए कहा कि यह हास्यास्पद है कि जो देश खुद आतंकियों का संरक्षक है, वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे होने का दावा करता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद किसी भी स्वरूप, प्रकार और मकसद से सही नहीं ठहराया जा सकता।
पाकिस्तान की संसद का विवादास्पद प्रस्ताव
गौरतलब है कि हाल ही में पाकिस्तान की संसद ने एक प्रस्ताव पारित कर भारत से जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की मांग की थी। भारत पहले ही इस मांग को सिरे से खारिज कर चुका है और यह स्पष्ट कर चुका है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। भारत ने यह भी कहा है कि कश्मीर में हाल ही में हुए चुनावों ने यह साबित कर दिया है कि वहां लोकतंत्र मजबूत है और जनता भारत के साथ है।
भारत की मजबूत कूटनीति
संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्पष्ट और दृढ़ संदेश पाकिस्तान के झूठे प्रोपेगेंडा का मुंहतोड़ जवाब था। भारत ने न केवल कश्मीर पर अपनी स्थिति स्पष्ट की, बल्कि पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों को भी उजागर किया। यह भारत की मजबूत कूटनीति का उदाहरण है, जिससे वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के झूठे दावों का खंडन करता आ रहा है।
भारत का रुख हमेशा स्पष्ट रहा है—जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।
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