भारत के लोकतांत्रिक प्रणाली में चुनाव आयोग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इसी क्रम में 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में ज्ञानेश कुमार ने बुधवार को अपना पदभार संभाल लिया। उनकी नियुक्ति सोमवार को की गई थी, और वे निर्वाचन आयोग के नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले मुख्य चुनाव आयुक्त हैं। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा। उनके कार्यभार ग्रहण करने के कुछ दिनों बाद ही आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की तिथियों की घोषणा की जा सकती है।
नए कानून के तहत पहली नियुक्ति
भारत में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर जो नया कानून लागू हुआ है, उसके तहत ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति हुई है। इस कानून के अनुसार, मुख्य निर्वाचन आयुक्त या निर्वाचन आयुक्त को 65 वर्ष की आयु पूरी होने पर या अधिकतम छह वर्षों तक ही पद पर बने रहने का प्रावधान है।
आगामी चुनावों की बड़ी जिम्मेदारी
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में ज्ञानेश कुमार के कार्यकाल के दौरान बिहार विधानसभा चुनाव 2024 और 2026 में केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु व पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव होंगे। इन महत्वपूर्ण चुनावों का संचालन सुचारू रूप से करना उनकी प्रमुख जिम्मेदारियों में शामिल होगा।
अनुभवी नौकरशाह का शानदार करियर
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। अपने प्रशासनिक करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद फैसले को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा, उन्होंने 15 मार्च 2024 को निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि
ज्ञानेश कुमार की शैक्षणिक योग्यता भी बेहद प्रभावशाली रही है। उन्होंने:
आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया।
आईसीएफएआई से बिजनेस फाइनेंस की पढ़ाई की।
अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय (एचआईआईडी) से पर्यावरण अर्थशास्त्र में शिक्षा प्राप्त की।
प्रशासनिक अनुभव और पदभार
उन्होंने केरल सरकार में एर्णाकुलम के सहायक जिलाधिकारी, अडूर के उपजिलाधिकारी, एससी/एसटी के लिए केरल राज्य विकास निगम के प्रबंध निदेशक और कोचीन निगम के नगर आयुक्त जैसे अहम पदों पर कार्य किया। साथ ही, केरल सरकार में सचिव के रूप में वित्त संसाधन, फास्ट-ट्रैक परियोजनाओं और लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी संभाली।
भारत सरकार में उनके योगदान की सूची भी प्रभावशाली है
रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव
गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव एवं अतिरिक्त सचिव
संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव
सहकारिता मंत्रालय में सचिव
ज्ञानेश कुमार से उम्मीदें
भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में चुनावों का निष्पक्ष और पारदर्शी संचालन सबसे बड़ी चुनौती होती है। ज्ञानेश कुमार के पास प्रशासनिक दक्षता, नीति निर्माण का अनुभव और चुनावी प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने की क्षमता है। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 और विधानसभा चुनावों को देखते हुए, उनसे निष्पक्ष और सुचारू चुनाव संचालन की उम्मीद की जा रही है।
उनकी नियुक्ति से भारत की चुनावी प्रणाली को एक नया दृष्टिकोण मिलेगा और लोकतंत्र को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।
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