नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर तमीम बिन हमाद अल-थानी के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इस उच्च स्तरीय बैठक में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल भी शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूत करना था।
भव्य स्वागत और राजनयिक मुलाकातें कतर के अमीर का भारत में आगमन 17 फरवरी की रात को हुआ, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्वयं उनका स्वागत किया। उनके साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर भी उपस्थित थे। अगले दिन, राष्ट्रपति भवन में कतर के अमीर का पारंपरिक गार्ड ऑफ ऑनर के साथ भव्य स्वागत किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने मिलकर उनका अभिनंदन किया। इसके बाद अमीर अल-थानी को वरिष्ठ भारतीय मंत्रियों से भी मिलवाया गया।
व्यापार और निवेश को लेकर अहम समझौते भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए इस दौरे के दौरान दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों पर भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और कतर के वाणिज्य और उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी की मौजूदगी में हस्ताक्षर हुए। पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और कतर के बीच व्यापार और निवेश की अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें इस समझौते से और अधिक गति मिलेगी।
भारत और कतर के मजबूत संबंध कतर में लाखों भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जो वहां की अर्थव्यवस्था और समाज में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। कतर के अमीर ने भी इस यात्रा के दौरान भारतवंशी समुदाय की भूमिका की सराहना की। इससे पहले, साल 2024 के अंत में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कतर का दौरा किया था और वहां के प्रधानमंत्री तथा विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल-थानी से मुलाकात की थी।
भविष्य की दिशा भारत और कतर के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए इस यात्रा को एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह दौरा व्यापार, ऊर्जा, निवेश और सांस्कृतिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक साबित हो सकता है। दोनों देशों की सरकारें आपसी सहयोग को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे आने वाले वर्षों में भारत-कतर साझेदारी और अधिक प्रभावशाली होगी।
Discussion about this post