सुप्रीम कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में छह साल से हिरासत में बंद ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को जमानत दे दी है। मिशेल इस बहुचर्चित घोटाले में कथित रूप से बिचौलिया था और उसे दिसंबर 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था। इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद सौदे में उनकी भूमिका की जांच कर रहे हैं।
छह साल से हिरासत में था मिशेल न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि जेम्स पिछले छह वर्षों से हिरासत में है, जबकि मामले की जांच अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। कोर्ट ने उसे निचली अदालत द्वारा निर्धारित शर्तों के अधीन जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
मिशेल ने अपनी जमानत याचिका में तर्क दिया था कि वह पहले ही इस मामले में आधी सजा भुगत चुका है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद 2024 में उसने पुनः जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया था। दिसंबर 2024 में शीर्ष अदालत ने इस याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा था।
क्या है अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला? यह मामला 2010 में भारतीय वायुसेना के लिए 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद से जुड़ा है। अगस्ता वेस्टलैंड, जो एक ब्रिटिश-इटालियन कंपनी है, पर आरोप है कि इस सौदे के दौरान कुछ भारतीय अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत दी गई थी। सीबीआई और ईडी ने इस मामले में दो अलग-अलग केस दर्ज किए हैं।
क्रिश्चियन मिशेल पर आरोप है कि उसने इस सौदे को सुरक्षित करने में बिचौलिये की भूमिका निभाई और कई प्रभावशाली लोगों तक रिश्वत पहुंचाने में मदद की।
स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर असर? 12 जनवरी को दिल्ली की एक अदालत ने मिशेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए एम्स को उनकी हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था। मिशेल ने अदालत में दावा किया कि उन्हें इस सर्जरी की सख्त जरूरत है क्योंकि वे अत्यधिक दर्द से गुजर रहे हैं। एम्स के डॉक्टरों ने भी उनकी सर्जरी की सिफारिश की थी।
क्या होगा आगे? सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत मिलने के बाद यह देखना होगा कि मिशेल पर आगे क्या कानूनी कार्रवाई होती है। सीबीआई और ईडी की जांच अभी भी जारी है, और घोटाले से जुड़े अन्य आरोपियों पर भी कार्रवाई की संभावना बनी हुई है।
यह मामला भारत के सबसे बड़े रक्षा सौदे घोटालों में से एक माना जाता है, और आने वाले दिनों में इससे जुड़े नए खुलासे हो सकते हैं।
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