असम में पाकिस्तानी नागरिक अली तौकीर शेख के खिलाफ एफआईआर दर्ज

असम में पाकिस्तानी नागरिक अली तौकीर शेख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह मामला राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा निर्देशित कैबिनेट निर्णय के तहत दर्ज किया गया। असम पुलिस ने इस विषय पर संज्ञान लेते हुए आवश्यक कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस मामले से राज्य की सुरक्षा और राजनीतिक परिदृश्य में व्यापक चर्चा छिड़ गई है।
एफआईआर दर्ज करने की वजह
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में घोषणा की कि कैबिनेट के निर्देशों के अनुसार अली तौकीर शेख और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
राज्य सरकार का आरोप है कि अली तौकीर शेख ने सोशल मीडिया पर असम में सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने वाले बयान दिए।
सीएम सरमा के अनुसार, शेख की सोशल मीडिया गतिविधियाँ भारत के आंतरिक और संसदीय मामलों पर विस्तृत टिप्पणी कर रही थीं, जिससे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
गौरव गोगोई विवाद से जुड़ी चर्चा
अली तौकीर शेख के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से पहले असम में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न के आईएसआई के साथ कथित संबंधों पर भी राजनीतिक हलचल हुई थी। हालांकि, असम सरकार ने उनके खिलाफ कोई भी मामला दर्ज न करने का फैसला किया।
इसके बावजूद, असम के मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार केंद्र को पत्र लिखकर इस मामले की जांच की मांग करेगी, क्योंकि एलिजाबेथ कोलबर्न एक ब्रिटिश नागरिक हैं और लोकसभा चुनाव प्रचार में भाग लेने की वैधता को लेकर सवाल उठे हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव
सरकार के अनुसार, अली तौकीर शेख की गतिविधियाँ भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ावा दे सकती हैं और राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।
मुख्यमंत्री सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “असम सरकार ने राज्य पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया है कि अली तौकीर शेख के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और अन्य प्रासंगिक कानूनों के तहत कार्रवाई करें।”
गौरव गोगोई का बयान
इस बीच, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “असम सरकार कोई भी जांच कर सकती है, लेकिन हम जानते हैं कि हम कहां खड़े हैं।”
अली तौकीर शेख के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी असम और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मामला बन चुका है। राज्य सरकार इसे एक गंभीर सुरक्षा मुद्दा मान रही है और इस पर सख्त रुख अपनाने की तैयारी में है। वहीं, राजनीतिक दल इस मुद्दे को अपने-अपने तरीके से देख रहे हैं।
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