दिल्ली की राजनीति में शनिवार को बड़ा उलटफेर हुआ जब आम आदमी पार्टी (आप) के तीन पार्षद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। इससे आगामी नगर निगम (एमसीडी) के मेयर चुनाव में भाजपा की जीत की संभावनाएं बढ़ गई हैं। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इन पार्षदों का स्वागत करते हुए कहा कि दिल्ली में केंद्र, विधानसभा और नगरपालिका स्तर पर अब ‘ट्रिपल इंजन’ सरकार का गठन होगा।
भाजपा में शामिल हुए तीन पार्षद
जो तीन पार्षद भाजपा में शामिल हुए हैं, उनमें:
अनीता बसोया (एंड्रयूज गंज)
निखिल चपराना (हरि नगर)
धर्मवीर (आर के पुरम) शामिल हैं।
वीरेंद्र सचदेवा ने इस अवसर पर कहा कि ये पार्षद दिल्ली को स्वच्छ और सुंदर शहर बनाने के उद्देश्य से भाजपा में शामिल हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि यह कदम भाजपा की रणनीतिक जीत को दर्शाता है और पार्टी एमसीडी में अपने वर्चस्व को और मजबूत करने के लिए तैयार है।
एमसीडी में भाजपा की बढ़ती पकड़
भाजपा ने हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया था। पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों में से 48 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया। अब एमसीडी में भी भाजपा अपनी पकड़ मजबूत कर रही है और मेयर पद हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
एमसीडी के मेयर का चुनाव अप्रैल में प्रस्तावित है। पिछली बार नवंबर 2024 में हुए चुनाव में आप ने महज तीन वोटों से जीत हासिल की थी। इस बार समीकरण भाजपा के पक्ष में बदलते नजर आ रहे हैं।
मेयर चुनाव में भाजपा की स्थिति मजबूत
दिल्ली नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में कुल मतदाताओं में पार्षदों के अलावा:
सात लोकसभा सांसद (सभी भाजपा के)
तीन राज्यसभा सांसद (सभी आप के)
दिल्ली में 14 नामांकित विधायक
अब तक के समीकरणों के अनुसार, तीन पार्षदों के भाजपा में शामिल होने से पार्टी की सीटें आप से अधिक हो गई हैं, जिससे भाजपा की जीत की संभावना और भी प्रबल हो गई है।
भाजपा की नई रणनीति
भाजपा नेताओं ने संकेत दिया है कि पार्टी एमसीडी के लिए अपने 10 विधायकों को नामांकित करने जा रही है, जबकि आप के पास केवल चार नामांकित विधायक होंगे।
पांच फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के आठ और आप के तीन पार्षद विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। इससे एमसीडी के चुनावी गणित पर भी असर पड़ा है। 2022 के एमसीडी चुनावों में आप ने 134 वार्डों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा को 104, कांग्रेस को नौ और निर्दलीय को तीन वार्ड मिले थे। लेकिन अब समीकरण भाजपा के पक्ष में झुकते नजर आ रहे हैं।
‘ट्रिपल इंजन’ सरकार का भविष्य
भाजपा की रणनीति दिल्ली में ‘ट्रिपल इंजन’ सरकार बनाने पर केंद्रित है, जिसमें केंद्र सरकार, विधानसभा और नगर निगम तीनों स्तरों पर भाजपा का नियंत्रण होगा। इस रणनीति से पार्टी न केवल दिल्ली के शहरी विकास को गति देना चाहती है, बल्कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए भी अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है।
एमसीडी मेयर चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और भाजपा पूरी ताकत के साथ इस चुनाव को जीतने के लिए मैदान में उतर चुकी है। आम आदमी पार्टी के लिए यह एक बड़ा झटका है, और उसे अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि अप्रैल में होने वाले चुनाव में कौन सी पार्टी बाजी मारती है और दिल्ली की राजनीति में नया अध्याय लिखता है।
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