भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र तेज़ी से विकास के पथ पर अग्रसर है, और इसका मुख्य श्रेय प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति को जाता है। ये पहल न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान कर रही हैं, बल्कि भारत को 2030 तक विश्व बैंक लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक (एलपीआई) में शीर्ष 25 देशों में शामिल करने की दिशा में एक सशक्त कदम भी हैं।
लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में भारत की वर्तमान स्थिति
विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक (एलपीआई) में भारत वर्तमान में 139 देशों में 38वें स्थान पर है। हालांकि, सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न नीतियों और योजनाओं के माध्यम से देश का लक्ष्य 2030 तक इस रैंकिंग में शीर्ष 25 में स्थान हासिल करना है। इसके लिए सरकार लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को मजबूत करने, डिजिटल बदलाव को बढ़ावा देने और व्यापार की सुगमता में सुधार करने पर विशेष ध्यान दे रही है।
मेस्से स्टटगार्ट इंडिया और ईएसी इंटरनेशनल कंसल्टिंग की रिपोर्ट
मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में जारी सुधार और निवेश की वजह से देश की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार होगा। यह अध्ययन अंतरराष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स प्रदर्शनी ‘लोगिमैट इंडिया-2025’ के आयोजन से पहले प्रकाशित किया गया, जो 13-15 फरवरी को मुंबई के बंबई एक्जिबिशन सेंटर में आयोजित होगी। यह रिपोर्ट इस बात को रेखांकित करती है कि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति की भूमिका
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) भारत के लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को एकीकृत और सशक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रही हैं। इन पहलों का मुख्य उद्देश्य लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना, आपूर्ति श्रृंखला को कारगर बनाना और व्यापार की गति को बढ़ाना है। ये योजनाएँ विशेष रूप से मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी, डिजिटल सुधार, और आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर केंद्रित हैं।
लॉजिस्टिक्स बाजार का तेजी से विकास
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय माल ढुलाई और लॉजिस्टिक्स बाजार 2024 में 317.26 अरब अमेरिकी डॉलर का था और 2029 तक यह 8.8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ 484.43 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। यह वृद्धि दर्शाती है कि भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र तेजी से उन्नति कर रहा है और भविष्य में वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर सकता है।
भविष्य की संभावनाएँ और चुनौतियाँ
भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के तेजी से विकसित होने के बावजूद, कई चुनौतियाँ भी हैं जिनका समाधान आवश्यक है। लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, डिजिटल एकीकरण, परिवहन नेटवर्क का विस्तार, और हरित ऊर्जा विकल्पों को अपनाना इस क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण प्राथमिकताएँ होंगी। सरकार की नीतियाँ और उद्योग जगत के सहयोग से, भारत इन चुनौतियों को पार करते हुए वैश्विक लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति बना सकता है।
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