दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान आज संपन्न हो रहा है। कुल 1.56 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर 699 उम्मीदवारों की सियासी किस्मत ईवीएम में कैद कर देंगे। आठ फरवरी को मतगणना के बाद तय होगा कि दिल्ली की सत्ता की बागडोर अगले पांच वर्षों तक किसके हाथ में होगी।
70 सीटों पर 699 उम्मीदवारों की परीक्षा
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुल 1,56,14,000 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पात्र हैं। इनमें 83,76,173 पुरुष, 72,36,560 महिला और 1,267 अन्य मतदाता शामिल हैं। इन मतदाताओं के लिए 13,033 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां वोटिंग की व्यवस्था की गई है।
इस चुनाव में कुल 699 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 96 महिला प्रत्याशी भी अपनी किस्मत आजमा रही हैं। सबसे अधिक 23 उम्मीदवार नई दिल्ली विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि सबसे कम 5-5 प्रत्याशी कस्तूरबा नगर और पटेल नगर सीट पर हैं।
नई दिल्ली विधानसभा सीट: हॉट सीट की टक्कर
इस बार का चुनाव नई दिल्ली विधानसभा सीट के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर मैदान में हैं। भाजपा ने उनके खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश साहिब सिंह वर्मा को उतारा है, जबकि कांग्रेस ने दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को अपना प्रत्याशी बनाया है। यह मुकाबला बेहद रोचक और हाई-प्रोफाइल माना जा रहा है।
कालकाजी सीट पर कड़ा मुकाबला
कालकाजी विधानसभा सीट पर भी इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। यहां से मुख्यमंत्री आतिशी आम आदमी पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं। उनके सामने भाजपा ने रमेश बिधुड़ी को उतारा है, जबकि कांग्रेस ने अलका लांबा को अपना प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय होने की पूरी संभावना है।
बिजवासन सीट: पुराने नेताओं की नई राह
बिजवासन विधानसभा सीट पर भी इस बार का चुनाव खासा दिलचस्प हो गया है। आम आदमी पार्टी के दो पूर्व विधायक इस बार अलग-अलग दलों के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। चंद महीने पहले तक आप सरकार में मंत्री रहे कैलाश गलहोत भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार देवेंद्र सहरावत 2015 में इसी सीट से आप के टिकट पर विधायक बन चुके हैं। ऐसे में यहां मतदाताओं के लिए चुनावी गणित को समझना दिलचस्प रहेगा।
दिल्ली की राजनीति की दिशा तय करेगा यह चुनाव
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 केवल सत्ता परिवर्तन का चुनाव नहीं है, बल्कि यह दिल्ली की राजनीतिक दिशा तय करने वाला चुनाव भी साबित हो सकता है। इस चुनाव में जनता को यह तय करना है कि वह बीते पांच वर्षों की सरकार से संतुष्ट है या बदलाव चाहती है। चुनाव के नतीजे न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश की राजनीति पर असर डाल सकते हैं।
आठ फरवरी को मतगणना के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि दिल्ली की जनता ने किसे अपना नेतृत्व सौंपा है। सभी की नजरें इसी दिन के नतीजों पर टिकी रहेंगी।
दिल्ली चुनाव की अन्य प्रमुख सीटें
इसके अलावा अन्य सीटों पर भी रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। जिन सीटों पर हर किसी की नजर रहेगी उनमें:
पटेल नगर और कस्तूरबा नगर: यहाँ सिर्फ 5-5 प्रत्याशी मैदान में हैं, जो इसे दिलचस्प बनाता है।
मटियाला और रोहिणी: इन सीटों पर भी प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।
ग्रेटर कैलाश: यह सीट हमेशा से हाई-प्रोफाइल रही है और इस बार भी दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद की जा रही है।
दिल्ली के इस चुनावी रण में सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अब देखना यह है कि जनता किसे अपनी सेवा का अवसर देती है और कौन अगले पांच साल तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहेगा।
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