भारत सरकार के केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपाद येसो नाइक ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के सम्मेलन में प्रधानमंत्री सूर्य योजना की सफलता को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अक्तूबर तक देशभर में 20 लाख घरों की छतों पर सौर संयंत्र स्थापित कर दिए जाएंगे। इस योजना की सफलता ने न केवल भारत को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई दिशा दी है, बल्कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की ऊर्जा स्वतंत्रता की ओर एक मजबूत कदम साबित हो रही है।
प्रधानमंत्री सूर्य योजना: क्या है इसका उद्देश्य?
प्रधानमंत्री सूर्य योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य देशभर के घरों की छतों पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करना है। इसके तहत, मार्च 2027 तक एक करोड़ घरों की छतों पर सौर संयंत्र लगाने का लक्ष्य रखा गया है। यह योजना न केवल पर्यावरणीय लाभ प्रदान करेगी, बल्कि यह घरों को मुफ्त बिजली भी देने में सक्षम होगी। योजना के अनुसार, मार्च 2026 तक यह आंकड़ा 40 लाख तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस योजना के तहत छतों पर सौर संयंत्र लगाने को अधिक सुगम और सस्ता बनाने के लिए सरकार ने विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं बनाई हैं। डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियों) को इस परियोजना के लिए राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों (एसआईए) के रूप में नामित किया गया है। इससे वितरण कंपनियों को प्रोत्साहन के रूप में कुल 4,950 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
मुफ्त बिजली योजना: दुनिया का सबसे बड़ा प्रयास
श्रीपाद येसो नाइक ने इस योजना को दुनिया की सबसे बड़ी छतों पर सौर ऊर्जा प्रणाली लगाने की पहल बताया। सरकार का उद्देश्य हर घर को मुफ्त बिजली देना है, जो सीधे तौर पर ऊर्जा की बचत और लागत को कम करने में मदद करेगा। यह योजना न केवल घरेलू उपयोगकर्ताओं के लिए एक वरदान साबित हो रही है, बल्कि यह सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी।
राष्ट्रीय पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़े
इस योजना के तहत, अब तक 1.45 करोड़ पंजीकरण, 26.38 लाख आवेदन और 6.34 लाख छतों पर सौर संयंत्र की स्थापना हो चुकी है। यह आंकड़े इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि प्रधानमंत्री सूर्य योजना तेजी से सफल हो रही है और लोग इस योजना का लाभ लेने के लिए उत्साहित हैं। योजना का यह सकारात्मक प्रभाव ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है, क्योंकि यह सस्ती, स्वच्छ और हरित ऊर्जा के स्रोत को प्रोत्साहित करती है।
देश की ऊर्जा नीति में बदलाव
प्रधानमंत्री सूर्य योजना देश की ऊर्जा नीति में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकती है। भारत, जो ऊर्जा आयात पर निर्भर है, अब सौर ऊर्जा के जरिए अपनी ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा घरेलू स्तर पर पूरा करने की ओर बढ़ रहा है। यह योजना, भारतीय घरों को स्वच्छ, सस्ती और स्थिर ऊर्जा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जो भारत को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक मजबूत साझेदार बना सकती है।
वित्तीय योगदान और सरकारी समर्थन
प्रधानमंत्री सूर्य योजना की सफलता के लिए सरकार द्वारा महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। विशेष रूप से, सरकार ने कुल 4,950 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया है, जो इस योजना को सफल बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। इसमें ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप सोलर (जीसीआरटी) के दूसरे चरण के कार्यक्रम के तहत पिछले खर्च को भी शामिल किया गया है।
क्या भविष्य में और सौर संयंत्र लगाए जाएंगे?
नाइक ने इस बात की जानकारी दी कि योजना की गति आने वाले वर्षों में और बढ़ेगी, और 2026 तक 40 लाख घरों में सौर संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। मार्च 2027 तक सरकार का लक्ष्य इस आंकड़े को एक करोड़ तक पहुंचाना है। इसके अलावा, सरकार लगातार नई तकनीकी पहल और वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान कर रही है, ताकि सौर ऊर्जा के प्रति लोगों का विश्वास और बढ़े।
प्रधानमंत्री सूर्य योजना न केवल भारत को ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ाने की क्षमता प्रदान करती है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण, लागत में कमी और स्वच्छ ऊर्जा के लिए एक बड़ा कदम है। इस योजना के सफल कार्यान्वयन से भारत अपने ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बेहतर स्थिति में रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह पहल भारत को वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बना सकती है।
Discussion about this post