पुणे में गिलियन-बैरे सिंड्रोम का कहर: 100 से अधिक मामले, सरकार ने किया मुफ्त इलाज का ऐलान

महाराष्ट्र के पुणे और आसपास के इलाकों में दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के बढ़ते मामलों ने हड़कंप मचा दिया है। अब तक 100 से अधिक मरीजों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। पुणे के सोलापुर में इस बीमारी से एक संदिग्ध मौत ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
क्या है गिलियन-बैरे सिंड्रोम?
गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिकाओं पर हमला करती है। इसके शुरुआती लक्षणों में हाथ-पैरों में झुनझुनी, कमजोरी और सुन्नता शामिल हैं। यह बीमारी तेजी से फैलकर पक्षाघात का कारण बन सकती है। मरीजों को अक्सर अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है। हालांकि, जीबीएस का कारण पूरी तरह से ज्ञात नहीं है, लेकिन इसे अक्सर बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण के बाद देखा गया है।
बीमारी के मामले और स्थिति की गंभीरता
राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पुणे, पिंपरी चिंचवड़ और ग्रामीण इलाकों में 101 मरीजों की पुष्टि हुई है। इनमें से 16 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। मरीजों में 68 पुरुष और 33 महिलाएं हैं। प्रभावित क्षेत्रों में सिंहगढ़ रोड, खड़कवासला और किरकटवाड़ी जैसे इलाके शामिल हैं।
विभिन्न आयु वर्ग के मरीजों पर नजर डालें तो:
9 वर्ष से कम उम्र के 19 मरीज
10-19 वर्ष के 15 मरीज
20-29 वर्ष के 20 मरीज
30-39 वर्ष के 13 मरीज
40-49 वर्ष के 12 मरीज
50-59 वर्ष के 13 मरीज
60-69 वर्ष के 8 मरीज
70-80 वर्ष के 1 मरीज
संक्रमण का कारण और परीक्षण के नतीजे
पुणे के विभिन्न हिस्सों से पानी और रक्त के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। शुरुआती परीक्षणों में नोरोवायरस और कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया का पता चला है। खडकवासला बांध के पास एक कुएं में ई-कोली बैक्टीरिया की मौजूदगी भी सामने आई है। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह बीमारी सीधे पानी से फैली है या नहीं।
सरकार और प्रशासन की पहल
डिप्टी सीएम अजित पवार ने मरीजों के लिए मुफ्त इलाज का ऐलान किया है। पुणे नगर निगम ने कमला नेहरू अस्पताल में 15 आईसीयू बेड की व्यवस्था की है। गरीब मरीजों को ‘सेहरी गरीब योजना’ के तहत मुफ्त इलाज और दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी।
स्वास्थ्य विभाग की सख्ती और सुझाव
25,578 घरों का सर्वे कर संभावित मरीजों की पहचान की जा रही है।
पानी को उबालकर पीने और खाने से पहले गर्म करने की सलाह दी गई है।
सभी निजी अस्पतालों में चार सहायक चिकित्सा अधिकारियों को तैनात किया गया है।
घबराएं नहीं, सतर्क रहें
डॉ. भोसले ने कहा, “हम पानी के स्रोतों की जांच कर रहे हैं और सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि वे पानी उबालकर ही पीएं। घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।”
पुणे में जीबीएस के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को अलर्ट कर दिया है। मुफ्त इलाज और जागरूकता अभियान से स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिशें जारी हैं। नागरिकों से अपील है कि वे सतर्क रहें और किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
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