राष्ट्रपति भवन में रविवार को आयोजित ‘एट होम’ समारोह दक्षिण भारत की सांस्कृतिक विविधता और व्यंजनों की महक से सराबोर रहा। इस आयोजन की मेजबानी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने की, जिसमें देश-विदेश के विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया। इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री, सैन्य अधिकारी और अन्य प्रतिष्ठित अतिथि इस भव्य समारोह के साक्षी बने।
सांस्कृतिक स्वागत और विविधता का प्रदर्शन इस अनूठे कार्यक्रम में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के सांस्कृतिक पहलुओं को उजागर किया गया। प्रत्येक राज्य का प्रतिनिधित्व वहां के पारंपरिक परिधान पहने दंपतियों ने किया, जिन्होंने अपनी-अपनी मातृभाषा में अतिथियों का स्वागत किया।
समारोह का एक विशेष आकर्षण इन राज्यों के पारंपरिक संगीत का प्रदर्शन और वस्त्रों की झलक थी। दिव्यांगजनों के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी, जिसमें उनकी सहायता के लिए प्रशिक्षित लोग मौजूद थे। इस आयोजन में स्टार्ट-अप संस्थापकों, कृषकों, ‘ड्रोन दीदी’ और दिव्यांगजनों ने भी शिरकत की, जो भारत की प्रगति और विविधता को दर्शाता है।
दक्षिण भारतीय व्यंजनों की खुशबू समारोह में परोसे गए व्यंजन पूरी तरह से दक्षिण भारत की पारंपरिक पाक कला पर आधारित थे। मेहमानों को परोसे गए व्यंजनों में शामिल थे: गोंगुरा अचार के साथ कुझी पनियारम: सोरेल पत्ती के अचार के साथ तले हुए चावल के पकौड़े। आंध्र मिनी प्याज समोसा: मसालेदार प्याज से भरे मिनी समोसे। रागी इडली: करी पत्ता मसाले और घी में मिलाई गई भाप से पकाई गई बाजरे की इडली। उडुपी उदिना वड़ा: दाल से बने कुरकुरे वड़े। मिनी मसाला उत्तपम: गन पाउडर के मसाले के साथ चावल के पैनकेक। कोंडाकदलाई सुंदल: मसाले के साथ उबले काले चने। इसके अतिरिक्त मुरुक्कू, केले और टैपिओका चिप्स जैसे स्नैक्स भी परोसे गए।
मिठाई और पेय पदार्थों का आनंद मिठाई में रवा केसरी, मैसूर पाक, परिप्पु प्रदमन, रागी लड्डू और सूखे मेवे से भरी पुथारेकालू जैसी स्वादिष्ट मिठाइयों का आनंद लिया गया। पेय पदार्थों में नारियल पानी, इलायची चाय, फिल्टर कॉफी और नीलगिरी ग्रीन टी ने मेहमानों को दक्षिण भारत की परंपरा से परिचित कराया।
समारोह की विशेष झलक ‘एट होम’ समारोह ने न केवल भारतीय संस्कृति की विविधता को प्रदर्शित किया, बल्कि इसे एक मंच पर लाने का एक अद्वितीय प्रयास भी किया। राष्ट्रपति भवन के इस आयोजन ने भारत की सांस्कृतिक गहराई और एकता को सजीव किया। यह समारोह दक्षिण भारतीय संस्कृति, कला, संगीत और व्यंजनों का शानदार उत्सव बनकर उभरा।
दक्षिण भारत की परंपराओं और संस्कृति को इतने भव्य तरीके से प्रस्तुत करना इस बात का प्रतीक है कि भारत की विविधता में ही उसकी शक्ति है। राष्ट्रपति भवन का यह आयोजन भारतीय सांस्कृतिक विरासत के प्रति गर्व का अद्वितीय उदाहरण है।
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