देशभर में प्रतिष्ठित मानी जाने वाली FIITJEE कोचिंग संस्था ने अचानक पांच राज्यों में अपने सेंटर्स को बंद कर दिया है। इस अप्रत्याशित कदम से न केवल छात्रों और अभिभावकों में गुस्सा है, बल्कि उनके भविष्य को लेकर भी गहरी चिंता पैदा हो गई है। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब पता चला कि कोचिंग ने बिना किसी पूर्व सूचना के सेंटर्स पर ताले लगा दिए और छात्रों से 2-3 लाख रुपये तक की एडवांस फीस पहले ही वसूल कर ली थी।
बिना नोटिस के ताले और संपर्कहीन प्रशासन FIITJEE के बंद किए गए सेंटर्स में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु के शहर शामिल हैं। छात्रों और अभिभावकों का कहना है कि सेंटर्स अचानक बंद कर दिए गए और किसी प्रकार की नोटिस या जानकारी नहीं दी गई। जब वे सेंटर्स पहुंचे, तो दरवाजे पर ताले मिले और अंदर कोई स्टाफ मौजूद नहीं था।
छात्रों के अनुसार, FIITJEE ने कोर्स की फीस एडवांस में वसूल की थी, जो प्रति छात्र 2-3 लाख रुपये तक थी। अब इन सेंटर्स के बंद होने से छात्रों को समझ नहीं आ रहा कि वे अपनी पढ़ाई कैसे जारी रखें।
छात्रों और अभिभावकों की समस्याएं पढ़ाई पर असर: 12वीं बोर्ड और JEE जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों की पढ़ाई अचानक रुक गई है। कई छात्रों का कहना है कि यह उनके करियर के सबसे महत्वपूर्ण समय में हुआ है। फीस की वापसी: अभिभावकों ने फीस रिफंड की मांग की है। उनका कहना है कि FIITJEE प्रशासन से संपर्क करने की हर कोशिश नाकाम हो रही है। मानसिक तनाव: छात्रों पर पढ़ाई और करियर को लेकर मानसिक दबाव बढ़ गया है।
कानूनी कार्रवाई की मांग कई अभिभावकों और छात्रों ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस से शिकायत दर्ज कराई है। वे चाहते हैं कि FIITJEE प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और उनकी एडवांस फीस लौटाई जाए।
छात्रों का भविष्य अधर में FIITJEE जैसी बड़ी कोचिंग संस्था से इस तरह की कार्रवाई की उम्मीद नहीं थी। इसका असर उन छात्रों पर सबसे ज्यादा पड़ा है जो JEE और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए FIITJEE पर निर्भर थे।
सरकार और प्रशासन से अपील छात्र और अभिभावक अब राज्य और केंद्र सरकार से अपील कर रहे हैं कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें। उनकी मांग है कि: 1. फीस की पूरी राशि वापस दिलाई जाए। 2. छात्रों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए ताकि उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो। 3. कोचिंग संस्थानों की निगरानी के लिए सख्त कानून बनाए जाएं।
FIITJEE का पक्ष और अगली कार्रवाई इस पूरे मामले पर FIITJEE प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। छात्रों और अभिभावकों को उम्मीद है कि जल्द ही कोई समाधान निकलेगा।
यह घटना न केवल FIITJEE की प्रतिष्ठा पर सवाल उठाती है, बल्कि यह उन लाखों छात्रों और अभिभावकों के लिए चेतावनी भी है जो कोचिंग संस्थानों पर आंख मूंदकर भरोसा करते हैं। यह समय है कि छात्रों के हितों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
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