संगम नगरी प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन—महाकुंभ 2025—अपने चरम पर है। इस भव्य आयोजन में अब तक 7 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र संगम में डुबकी लगा चुके हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने महाकुंभ 2025 की सैटेलाइट तस्वीरें साझा की हैं, जो इस आयोजन की भव्यता और भौगोलिक विस्तार को अनूठे तरीके से प्रस्तुत करती हैं।
त्रिवेणी संगम का अद्भुत नजारा अंतरिक्ष से
इसरो की नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC), हैदराबाद द्वारा ली गई इन सैटेलाइट तस्वीरों में त्रिवेणी संगम के आसपास का विशाल मेला क्षेत्र और उसके बुनियादी ढांचे का विस्तृत दृश्य दिखाई देता है। तस्वीरें EOS-04 (RISAT-1A) C-बैंड माइक्रोवेव सैटेलाइट के जरिए ली गई हैं। यह सैटेलाइट तकनीक बड़े पैमाने पर आयोजित किए जाने वाले धार्मिक आयोजनों की योजना और प्रबंधन को समझने में मदद करती है।
टाइम सीरीज़ तस्वीरें : टेंट सिटी और बुनियादी ढांचे की झलक
इसरो ने महाकुंभ नगर में स्थापित किए गए टेंट सिटी और पीपा पुलों की टाइम सीरीज़ तस्वीरें जारी की हैं। ये तस्वीरें 15 सितंबर 2023 से लेकर 29 दिसंबर 2024 तक की हैं और आयोजन स्थल पर पहले और बाद के बदलावों को स्पष्ट रूप से दिखाती हैं।
इन तस्वीरों में
टेंट सिटी का विस्तृत लेआउट, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी आवास बनाए गए हैं।
पीपा पुलों और सहायक सड़कों का जटिल नेटवर्क, जो श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुगम बनाता है।
संगम क्षेत्र के आसपास विशाल संरचनाओं का निर्माण।
महाकुंभ की भव्यता और विज्ञान का योगदान
महाकुंभ केवल आस्था का आयोजन नहीं है, यह प्रबंधन और तकनीकी कुशलता का भी उदाहरण है। इसरो की सैटेलाइट तस्वीरें प्रशासन और योजनाकारों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रही हैं।
भीड़ प्रबंधन में सहायता मिलती है।
मेले के दौरान बने बुनियादी ढांचे और पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन किया जा सकता है।
गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम की स्थिति और प्रदूषण स्तर की निगरानी की जा सकती है।
महाकुंभ 2025 का महत्व
महाकुंभ 2025 भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और परंपरा का एक भव्य प्रतीक है। हर 12 वर्षों में आयोजित होने वाला यह मेला करोड़ों लोगों को संगम में स्नान करने का अवसर देता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रिवेणी संगम में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
महाकुंभ और अंतरिक्ष तकनीक का संगम
इसरो की सैटेलाइट तस्वीरें दिखाती हैं कि कैसे विज्ञान और तकनीक धार्मिक आयोजनों को बेहतर तरीके से समझने और संचालित करने में मदद कर सकते हैं। ये तस्वीरें न केवल महाकुंभ की भव्यता को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी दिखाती हैं कि भारत की अंतरिक्ष तकनीक कितनी उन्नत और उपयोगी है।
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