भारत के सीमावर्ती जिले बाड़मेर की रेतीली धरती पर जन्मी रूमा देवी आज महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुकी हैं। 8वीं तक की शिक्षा प्राप्त करने वाली इस साधारण महिला ने असाधारण कार्य करके लाखों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है। उनकी मेहनत, जुनून और संघर्ष की यह कहानी हर किसी को प्रेरित करती है।
संघर्ष की शुरुआत रूमा देवी का जन्म राजस्थान के बाड़मेर जिले के छोटे से गांव मंगला बेरी में हुआ। उनका बचपन गरीबी में बीता। 17 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई। लेकिन शादी के बाद भी हालात नहीं बदले। घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए उन्होंने कुछ करने की ठानी। हस्तशिल्प कला में गहरी रुचि रखने वाली रूमा देवी ने अपने गांव की महिलाओं को जोड़कर काम शुरू किया।
ग्रामीण महिलाओं को दी नई दिशा 1998 में रूमा देवी ने ग्रामीण विकास चेतना संस्थान नाम का एनजीओ शुरू किया। इस एनजीओ के तहत उन्होंने बाड़मेर की महिलाओं को हस्तशिल्प कला में प्रशिक्षित करना शुरू किया। यह प्रशिक्षण बिल्कुल मुफ्त था और इसमें महिलाओं को घर पर ही रोजगार के अवसर मिले। आज यह एनजीओ 30,000 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार प्रदान कर रहा है। महिलाएँ घर बैठे हैंडीक्राफ्ट उत्पाद बनाती हैं और हर महीने 7 से 15 हजार रुपये तक कमाई कर रही हैं।
नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान को देखते हुए 8 मार्च 2019 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। यह पुरस्कार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
अंतरराष्ट्रीय पहचान रूमा देवी का काम न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी पहचान बना चुका है। उन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, जर्मनी और दुबई जैसे 15 देशों में अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई है। 2020 में वे अमेरिका की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित वार्षिक भारत सम्मेलन में वक्ता के रूप में आमंत्रित की गईं।
कौन बनेगा करोड़पति में सम्मानित रूमा देवी को 6 सितंबर 2019 को मशहूर रियलिटी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में अमिताभ बच्चन द्वारा ‘करमवीर पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। यह पल उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था, जिसने उनकी प्रेरक यात्रा को पूरे देश के सामने प्रस्तुत किया।
उपलब्धियाँ और सम्मान 1. नारी शक्ति पुरस्कार (2019): राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा। 2. टीएफआई डिज़ाइनर ऑफ द ईयर (2019): अपने उत्कृष्ट डिजाइनों के लिए। 3. Hope for Women USA की डायरेक्टर: अंतरराष्ट्रीय मंच पर महिलाओं के लिए काम। 4. राजीविका योजना की ब्रांड एंबेसडर: राजस्थान सरकार द्वारा। 5. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में वक्ता: महिला सशक्तिकरण पर लेक्चर दिया। 6. लंदन फैशन वीक और हेम टेक्सटाइल फेयर जर्मनी में भाग लिया।
प्रेरणा की मिसाल रूमा देवी की कहानी उन लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो परिस्थितियों से हार मानने के बजाय संघर्ष करके अपने सपनों को साकार करना चाहती हैं। उन्होंने यह साबित किया है कि अगर आपके पास जुनून, समर्पण और मेहनत करने की क्षमता है, तो कोई भी सपना असंभव नहीं है।
“सपने वो नहीं जो हम सोते हुए देखते हैं, बल्कि सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते।” – रूमा देवी
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