भविष्य के कौशल में भारत का वर्चस्व: क्यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स में दूसरा स्थान

भारत ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि जब बात आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल टेक्नोलॉजी और ग्रीन एनर्जी जैसे उभरते क्षेत्रों की होती है, तो वह दुनिया में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है। क्यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स 2025 के अनुसार, भारत भविष्य के कौशलों के लिए अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तैयार बाजार है।
क्यूएस फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स: एक नई उपलब्धि
लंदन स्थित क्वैकरेल्ली सायमंड्स (क्यूएस) ने अपनी पहली फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स जारी की। यह इंडेक्स अंतरराष्ट्रीय रोजगार बाजार की बदलती मांगों के अनुसार देशों की तैयारी को मापने का एक प्रयास है। इसमें चार मुख्य बिंदुओं पर देशों का मूल्यांकन किया गया:
1. कौशलों की उपलब्धता
2. अकादमिक तैयारी
3. भविष्य के काम के लिए तैयारी
4. आर्थिक बदलाव का प्रभाव
क्यूएस द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, इन सभी बिंदुओं को जोड़ने पर भारत को 25वें स्थान पर रखा गया। लेकिन “भविष्य के काम” के पैमाने पर भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अमेरिका के बाद दूसरा सबसे ज्यादा स्कोर (99.1 अंक) प्राप्त किया।
डिजिटल भूमिकाओं में भारत का नेतृत्व
भारत को मैक्सिको के साथ डिजिटल भूमिकाओं में नौकरी देने के लिए सबसे ज्यादा तैयार देशों में गिना गया है। इसका मतलब है कि भारतीय युवाओं की डिजिटल कौशल और तकनीकी विशेषज्ञता न केवल देश में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी उच्च मांग में है।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स में भारत के प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“यह देखकर प्रसन्नता होती है! पिछले एक दशक में हमारी सरकार ने युवाओं को कौशल से लैस करके मजबूत बनाने पर काम किया है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। हमने प्रौद्योगिकी की ताकत का उपयोग करते हुए भारत को नवाचार और उद्यम का केंद्र बनाया है।”
उन्होंने कहा कि यह इंडेक्स भारत की प्रगति को रेखांकित करता है और समृद्धि एवं युवा सशक्तीकरण की दिशा में उठाए गए कदमों को मजबूती प्रदान करता है।
युवाओं के लिए कौशल विकास का महत्व
पिछले एक दशक में भारत ने कौशल विकास पर विशेष जोर दिया है। स्किल इंडिया मिशन, डिजिटल इंडिया, और स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं ने भारतीय युवाओं को प्रतिस्पर्धी वैश्विक बाजार के लिए तैयार किया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस: भारत में इन क्षेत्रों में प्रशिक्षित विशेषज्ञों की मांग तेजी से बढ़ रही है।
ग्रीन एनर्जी और सस्टेनेबिलिटी: भारत ग्रीन एनर्जी और नेट जीरो उत्सर्जन लक्ष्यों की दिशा में भी अग्रसर है।
भविष्य की संभावनाएं
क्यूएस इंडेक्स के अनुसार, भारत की यह उपलब्धि संकेत देती है कि देश न केवल वर्तमान में बल्कि भविष्य में भी वैश्विक तकनीकी और कौशल आधारित अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
क्यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स 2025 में भारत का दूसरा स्थान इस बात का प्रमाण है कि भारत ने कौशल विकास, नवाचार और प्रौद्योगिकी को प्राथमिकता देते हुए अपनी नई पीढ़ी को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया है। यह उपलब्धि न केवल भारत के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह युवा भारत की अद्भुत क्षमता का भी प्रमाण है।
“भारत: नवाचार और कौशल विकास में भविष्य की शक्ति।”
Exit mobile version