प्रयागराज के पवित्र महाकुंभ में इस वर्ष कई साधु-संत अपनी विशिष्टताओं के कारण श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इन्हीं में से एक हैं अभय सिंह, जिन्हें श्रद्धालु “इंजीनियर बाबा” के नाम से जानते हैं। अभय सिंह का सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है। उन्होंने सांसारिक सुखों और करोड़ों की नौकरी को त्यागकर आध्यात्म का मार्ग अपनाया।
आईआईटी से आध्यात्म तक का सफर हरियाणा के झज्जर जिले के निवासी अभय सिंह ने आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। उनकी पढ़ाई के बाद उन्हें लाखों के पैकेज पर एक प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी भी मिली। लेकिन सांसारिक जीवन की चकाचौंध उनके मन की शांति छीन रही थी। जीवन का उद्देश्य तलाशते हुए उन्होंने यह महसूस किया कि उनकी असली यात्रा आत्मा की शांति की खोज में है।
प्रेम, अवसाद और जीवन का नया अर्थ कई मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर चर्चाएं हैं कि प्रेम में धोखा और अवसाद के कारण उन्होंने सांसारिक जीवन से मुंह मोड़ लिया। हालांकि, अभय सिंह खुद बताते हैं कि यह उनकी आत्मा की पुकार थी, जिसने उन्हें आध्यात्मिक पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया। जीवन का अर्थ समझने के लिए उन्होंने सुकरात और प्लेटो जैसे दार्शनिकों की किताबों का अध्ययन किया।
कोरोना के बाद आध्यात्म की ओर रुख कोरोना महामारी के बाद, अभय सिंह ने भारत लौटकर चार धाम की यात्रा की। उन्होंने हिमालय की गहराइयों में ध्यान किया और अपने अस्तित्व को समझने का प्रयास किया। उनके अनुसार, “जीवन का सत्य और ईश्वर की खोज में विज्ञान और अध्यात्म दोनों का अपना महत्व है। सत्य ही शिव है, और शिव ही सुंदर है।”
सद्गुरु के आश्रम से प्रेरणा अभय सिंह ने सद्गुरु के आश्रम में नौ महीने सेवक के रूप में बिताए। वहां उन्होंने ध्यान, योग और क्रिया के माध्यम से अपने भीतर की ऊर्जा को समझा। इसके बाद उन्होंने खुद को पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित कर दिया। उनका मानना है कि अब भगवान शिव ही उनके जीवन का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
महाकुंभ में विज्ञान और अध्यात्म का संदेश महाकुंभ में “इंजीनियर बाबा” के नाम से प्रसिद्ध अभय सिंह श्रद्धालुओं को यह संदेश देते हैं कि विज्ञान और अध्यात्म एक-दूसरे के पूरक हैं। उनकी बातों में जीवन के प्रति गहरी समझ और संतोष झलकता है। उनका कहना है, “मैं विज्ञान के माध्यम से आध्यात्म को समझने की कोशिश कर रहा हूं। शिव ही सत्य हैं और सत्य ही शिव है।”
एक प्रेरणा के रूप में उभरे अभय सिंह अभय सिंह का जीवन इस बात का प्रमाण है कि जीवन में सुख-सुविधाएं, प्रतिष्ठा और पैसा भी तब तक अर्थहीन हैं, जब तक मन को शांति न मिले। उनके अनुभव हमें यह सिखाते हैं कि अपने भीतर के सत्य को समझना ही जीवन का वास्तविक उद्देश्य है।
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