दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र राजनीतिक सरगर्मी अपने चरम पर है। आम आदमी पार्टी (AAP), कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच त्रिकोणीय मुकाबले ने चुनावी माहौल को और भी दिलचस्प बना दिया है। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
केजरीवाल का आरोप: कांग्रेस और बीजेपी की जुगलबंदी मंगलवार को अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इस बार का चुनाव कांग्रेस और बीजेपी के बीच सालों से चल रही ‘जुगलबंदी’ का पर्दाफाश करेगा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को जवाब देते हुए लिखा, “क्या बात है… मैंने राहुल गांधी जी पर एक ही लाइन बोली और जवाब बीजेपी वालों से आ रहा है। बीजेपी को देखिए कितनी तकलीफ हो रही है। शायद दिल्ली का ये चुनाव कांग्रेस और बीजेपी के बीच सालों से पर्दे के पीछे चल रही जुगलबंदी पर से पर्दा हटा देगा।”
राहुल गांधी की रैली और कटाक्ष कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को सीलमपुर में आयोजित एक रैली में अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “केजरीवाल ने दिल्ली को साफ करने, भ्रष्टाचार खत्म करने और राष्ट्रीय राजधानी को पेरिस बनाने का वादा किया था, लेकिन उस वादे का क्या हुआ? प्रदूषण के कारण लोग घर से बाहर नहीं निकल सकते और महंगाई बढ़ रही है।” राहुल गांधी के इस बयान का जवाब देते हुए केजरीवाल ने कहा कि उनकी लड़ाई कांग्रेस बचाने की है, जबकि मेरी लड़ाई देश बचाने की।
बीजेपी का वार: नई दिल्ली सीट बचाने की नसीहत बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा, “देश की चिंता बाद में करना, अभी नई दिल्ली की सीट बचा लो।” बीजेपी नेताओं का कहना है कि आम आदमी पार्टी अब दिल्ली की जनता का विश्वास खो चुकी है, और इस बार बीजेपी राजधानी में अपनी जीत सुनिश्चित करेगी।
आईएनडीआईए गठबंधन में दरार? दिल्ली चुनाव में इस बार सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस और आप की बढ़ती दूरी गठबंधन के भविष्य पर असर डालेगी। लोकसभा चुनाव 2024 में दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन दिल्ली में आमने-सामने के मुकाबले ने गठबंधन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
चुनावी तारीखें और तैयारियां दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर 5 फरवरी को मतदान होगा और मतगणना 8 फरवरी को होगी। चुनाव में तीनों प्रमुख दलों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं और प्रचार के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
दिल्ली चुनाव 2025 केवल राजनीतिक दलों के बीच सत्ता संघर्ष नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय राजनीति के समीकरणों पर भी गहरा प्रभाव डालेगा। आम आदमी पार्टी के लिए यह सत्ता बचाने की चुनौती है, कांग्रेस के लिए अपनी साख वापस पाने का मौका और बीजेपी के लिए दिल्ली में नई शुरुआत करने का अवसर।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे अपनी राजधानी का भविष्य सौंपती है।
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