भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। देश के विभिन्न राज्यों से संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में पुडुचेरी से HMPV का दूसरा मामला दर्ज किया गया है। इस वायरस ने पिछले हफ्ते पुडुचेरी में दस्तक दी थी, और अब पांच साल की एक बच्ची संक्रमित पाई गई है। बच्ची का इलाज केंद्र प्रशासित JIPMER अस्पताल में जारी है।
पुडुचेरी में HMPV के दो मामले पुडुचेरी के स्वास्थ्य निदेशक वी. रविचंद्रन के अनुसार, बच्ची ने बुखार, खांसी और नाक बहने की शिकायत की थी, जिसके बाद उसे JIPMER में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची की हालत में सुधार हो रहा है और उसके इलाज के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। इसके पहले, पुडुचेरी में HMPV का पहला मामला तीन साल के बच्चे में देखा गया था। उस बच्चे का इलाज एक निजी अस्पताल में किया गया था और पूरी तरह ठीक होने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई।
देशभर में HMPV के संक्रमण की स्थिति देश में HMPV संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। विभिन्न राज्यों में इस वायरस की पुष्टि हुई है: गुजरात: 4 मामले (सबसे अधिक) महाराष्ट्र: 3 मामले कर्नाटक और तमिलनाडु: 2-2 मामले उत्तर प्रदेश, राजस्थान, असम और पश्चिम बंगाल: 1-1 मामला
असम में HMPV का पहला मामला 10 महीने के बच्चे में पाया गया है।
HMPV वायरस: क्या है और कितना खतरनाक है? ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहचान सबसे पहले 2001 में हुई थी। यह मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित करता है। HMPV सांस से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है। इसके सामान्य लक्षण हैं: बुखार खांसी नाक बहना सांस लेने में दिक्कत
विशेषज्ञों का मानना है कि HMPV घातक नहीं है। ज्यादातर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
सावधानी और सतर्कता बढ़ाई गई HMPV के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्यों ने सतर्कता बढ़ा दी है। पंजाब सरकार ने बच्चों और बुजुर्गों को मास्क पहनने की सलाह दी है। इसके अलावा, सार्वजनिक स्थानों पर भीड़भाड़ से बचने और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने की अपील की गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस स्वास्थ्य मंत्रालय ने वायरस को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनमें शामिल हैं: 1. मास्क पहनना: विशेष रूप से सार्वजनिक स्थानों पर। 2. हाथ धोना: नियमित रूप से साबुन और सैनिटाइजर का उपयोग। 3. सोशल डिस्टेंसिंग: संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना। 4. लक्षणों पर ध्यान देना: बुखार, खांसी या सांस में तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
HMPV वायरस कोई नई बीमारी नहीं है, लेकिन इसके बढ़ते मामलों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सही जानकारी और सावधानियों के साथ इसे रोका जा सकता है। मास्क पहनें, स्वच्छता का ध्यान रखें और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
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