भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। ताज़ा मामला असम के डिब्रूगढ़ जिले का है, जहां 10 महीने के बच्चे में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है। असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एएमसीएच) में भर्ती बच्चे की हालत अब स्थिर है।
क्या है मामला? अधिकारियों के अनुसार, बच्चे को चार दिन पहले सर्दी-जुकाम के लक्षणों के चलते अस्पताल लाया गया था। नियमित जांच के दौरान, लाहोवाल स्थित आईसीएमआर-आरएमआरसी में जांच के बाद शुक्रवार को एचएमपीवी संक्रमण की पुष्टि हुई। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. ध्रुबज्योति भुइयां ने बताया, “यह एक सामान्य वायरस है और चिंता की कोई बात नहीं है। बच्चा अब स्थिर है और उपचार में सुधार हो रहा है।”
एचएमपीवी: क्या है यह वायरस? एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) एक श्वसन संक्रमण फैलाने वाला वायरस है, जो सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों से शुरू होता है। गंभीर मामलों में यह निमोनिया और सांस लेने में तकलीफ का कारण बन सकता है। यह आमतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित करता है।
कैसे फैलता है एचएमपीवी? एचएमपीवी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा में फैलने वाले ड्रॉपलेट्स के माध्यम से फैलता है। इसके अलावा, संक्रमित सतहों को छूने और फिर आंख, नाक, या मुंह को छूने से भी संक्रमण हो सकता है।
असम में एचएमपीवी का इतिहास आईसीएमआर-आरएमआरसी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिस्वजीत बोरकाकोटी के अनुसार, “हमने 2014 से डिब्रूगढ़ जिले में 110 एचएमपीवी मामलों का पता लगाया है। हर साल इस वायरस के मामले सामने आते हैं। इस बार यह मौसम का पहला मामला है।”
देशभर में बढ़ते मामले देश के विभिन्न राज्यों में अब तक 13 एचएमपीवी मामलों की पुष्टि हो चुकी है। गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल और असम जैसे राज्यों में इसके संक्रमण की रिपोर्ट आई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम परिवर्तन और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस के प्रसार में योगदान कर रहे हैं।
लक्षण और पहचान एचएमपीवी के लक्षण सामान्य फ्लू जैसे होते हैं, जिनमें शामिल हैं: 1. सर्दी-जुकाम और खांसी 2. सांस लेने में कठिनाई 3. थकान और बुखार 4. गले में खराश और नाक बंद होना
गंभीर मामलों में निमोनिया और ब्रोंकाइटिस का खतरा हो सकता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में।
उपचार और सावधानियां एचएमपीवी संक्रमण के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए उपचार दिया जाता है, जिसमें बुखार और खांसी के लिए दवाएं, हाइड्रेशन, और आराम शामिल हैं।
सावधानियों में शामिल हैं:- नियमित हाथ धोना भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना खांसते या छींकते समय मुंह ढंकना संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना
एचएमपीवी वायरस के मामलों में बढ़ोतरी ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को सतर्क कर दिया है। हालांकि, यह एक सामान्य वायरस है और इससे घबराने की ज़रूरत नहीं है। समय पर उपचार और सावधानी बरतने से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। सरकारी और स्वास्थ्य विभाग की नियमित निगरानी और जागरूकता अभियान इस वायरस के प्रसार को रोकने में सहायक हो सकते हैं।
सावधान रहें, सुरक्षित रहें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।