अयोध्या में रामलला के भव्य और दिव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर पूरे देश में उत्साह का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस शुभ अवसर पर देशवासियों को बधाई देते हुए कहा, “यह मंदिर सदियों के त्याग, तपस्या और संघर्ष का प्रतीक है। यह हमारी संस्कृति और अध्यात्म की महान धरोहर है और विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने में एक बड़ी प्रेरणा बनेगा।”
तीन दिवसीय महोत्सव की शुरुआत रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। इस ऐतिहासिक घटना की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 11 से 13 जनवरी 2025 तक अयोध्या में तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव का उद्देश्य उन आम भक्तों को शामिल करना है, जो पिछले वर्ष आयोजित समारोह में भाग नहीं ले सके थे।
वीवीआईपी पास होंगे निरस्त महोत्सव के दौरान आम लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए वीवीआईपी पास निरस्त कर दिए गए हैं। साथ ही, मंदिर में दर्शन का समय भी बढ़ा दिया गया है, ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु भगवान रामलला के दर्शन कर सकें।
प्रसिद्ध कलाकारों की प्रस्तुति महोत्सव के दौरान भक्ति और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहेगी। प्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी, पार्श्व गायिका अनुराधा पौडवाल, और कवि कुमार विश्वास जैसे बड़े कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से भक्तों को मंत्रमुग्ध करेंगे। इन कार्यक्रमों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों से आए संगीत समूह अयोध्या के प्रमुख चौराहों पर भक्ति कीर्तन प्रस्तुत करेंगे।
धार्मिक अनुष्ठान और रामलीला का आयोजन महोत्सव में कई धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। साथ ही, रामलीला की प्रस्तुति भी होगी, जो भक्तों को भगवान राम के जीवन की झलक दिखाएगी।
योगी आदित्यनाथ का संबोधन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 13 जनवरी को कुबेर टीला पर श्रद्धालुओं को संबोधित करेंगे। इसके बाद संगीत और भक्ति से ओत-प्रोत कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी।
देशभर के संतों को आमंत्रण महोत्सव में उन संतों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है, जो प्राण प्रतिष्ठा के अभिषेक समारोह में शामिल नहीं हो सके थे। ये संत अयोध्या की आध्यात्मिक महत्ता और इस भव्य मंदिर के निर्माण में योगदान की गवाही देंगे।
आस्था और संस्कृति का उत्सव यह तीन दिवसीय महोत्सव अयोध्या को एक बार फिर भक्ति और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनाएगा। यह न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव होगा, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और प्रसारित करने का भी माध्यम बनेगा।
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ का यह आयोजन श्रद्धा, भक्ति और उत्साह का प्रतीक है, जो हर भक्त के हृदय में राम मंदिर के महत्व को और गहराई से स्थापित करेगा।
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