माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्या नडेला ने भारत में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश करने की योजना का ऐलान किया है। नडेला ने अपनी भारत यात्रा के दौरान यह घोषणा की कि माइक्रोसॉफ्ट अगले 5 साल में भारत के 1 करोड़ लोगों को AI की प्रशिक्षण देगा। इसके साथ ही, कंपनी भारत में 3 अरब डॉलर का निवेश करेगी, जिसका मुख्य उद्देश्य क्लाउड और AI इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है। नडेला का मानना है कि “भारत AI नवाचार में तेजी से आगे बढ़ रहा है, और माइक्रोसॉफ्ट का निवेश इसे और अधिक सशक्त बनाएगा।”
“ADVANTA(I)GE इंडिया” पहल – AI शिक्षा का विस्तार
माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में AI शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए “ADVANTA(I)GE इंडिया” नामक एक पहल शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य विभिन्न सामाजिक और आर्थिक स्तरों पर AI की समझ और इसके उपयोग के अवसरों को बढ़ाना है। सत्या नडेला ने कहा, “यह निवेश केवल तकनीकी विकास को बढ़ावा नहीं देगा, बल्कि AI के फायदों को अधिकतम करने में भारत के नागरिकों और संगठनों की मदद करेगा।”
माइक्रोसॉफ्ट का लक्ष्य है कि 2030 तक 1 करोड़ भारतीयों को AI से लैस किया जाए। इस पहल के तहत, अब तक 24 लाख भारतीयों को AI स्किल्स में प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिनमें से 65% महिलाएं और 74% प्रतिभागी भारत के टियर II और टियर III शहरों से थे। माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि यह पहल AI के प्रति जागरूकता बढ़ाएगी और देशभर में एक मजबूत तकनीकी संस्कृति का निर्माण करेगी।
भारत में 3 अरब डॉलर का निवेश
माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में 3 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है, जिससे क्लाउड और AI इंफ्रास्ट्रक्चर को और अधिक मजबूत किया जाएगा। इस निवेश के अंतर्गत, माइक्रोसॉफ्ट नए डाटा-सेंटर स्थापित करेगी, जो भारतीय कंपनियों और संगठनों को अपनी डिजिटल क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगा। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और साउथ एशिया के अध्यक्ष पुनीत चंडोक ने इस संदर्भ में कहा, “पिछले एक साल में हमने AI को भारत में धरातल पर उतारने के लिए कई प्रयास किए हैं, और यह ताजा घोषणा इस दिशा में हमारे विश्वास और प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।”
AI की स्थिरता और पर्यावरण की सुरक्षा
माइक्रोसॉफ्ट ने यह भी सुनिश्चित किया है कि AI की स्थिरता को बनाए रखने के लिए उसने नए डाटा-सेंटर डिजाइन किए हैं और रिन्यूएबल एनर्जी के इस्तेमाल के लिए दीर्घकालिक अनुबंध किए हैं। कंपनी का यह प्रयास न केवल AI के विकास को बढ़ावा देने के लिए है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी योगदान दे रहा है। माइक्रोसॉफ्ट के इन प्रयासों से देश में AI के स्थिर और जिम्मेदार उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है।
AI इनोवेशन नेटवर्क और भारतीय स्टार्टअप्स का सहयोग
माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च लैब (MSR) ने “AI इनोवेशन नेटवर्क” की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य भारत में डिजिटल नेटिव्स और स्टार्टअप्स को सहयोग प्रदान कर AI इकोसिस्टम को सशक्त करना है। इस पहल के जरिए, माइक्रोसॉफ्ट भारतीय कंपनियों और स्टार्टअप्स को अपने AI समाधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान करेगा। फिजिक्स वाला के को-फाउंडर प्रतीक महेश्वरी ने इस सहयोग पर कहा, “माइक्रोसॉफ्ट के साथ हमारा साझेदारी शिक्षा को अधिक पर्सनलाइज्ड और प्रभावी बनाने में मदद करेगा, जिससे हम छात्रों के लिए बेहतर अवसर और परिणाम उत्पन्न कर सकेंगे।”
समाज और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
माइक्रोसॉफ्ट का यह निवेश न केवल तकनीकी और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि भारतीय समाज को भी नए अवसर प्रदान करेगा। AI और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से भारत के विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल सशक्तिकरण होगा, जिससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के राज्यमंत्री जयंत चौधरी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “AI के क्षेत्र में भारतीय युवाओं और तकनीकी प्रतिभाओं की भूमिका भविष्य में और महत्वपूर्ण होगी। माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों के साथ इस प्रकार का सहयोग एक मील का पत्थर साबित होगा।”
माइक्रोसॉफ्ट का यह निवेश भारत को एक वैश्विक डिजिटल नेतृत्व की दिशा में अग्रसर करेगा। इस पहल के माध्यम से, न केवल तकनीकी क्षेत्र को बल मिलेगा, बल्कि भारत के हर कोने में AI शिक्षा और अवसरों का विस्तार होगा। यह योजना भारतीय युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर प्रस्तुत करती है और देश की अर्थव्यवस्था को नए आयामों तक पहुंचाने में मदद करेगी। माइक्रोसॉफ्ट का यह कदम निश्चित ही भारत के डिजिटल भविष्य को सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।