कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के जल्द ही लिबरल पार्टी के नेता पद से इस्तीफा देने की अटकलें तेज़ हो गई हैं। कनाडा के प्रतिष्ठित समाचारपत्र द ग्लोब एंड मेल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि जस्टिन ट्रूडो अगले एक-दो दिनों में अपना पद छोड़ सकते हैं। इस खबर ने कनाडाई राजनीति में हलचल मचा दी है। ट्रूडो, जो पिछले एक दशक से प्रधानमंत्री पद पर आसीन हैं, हाल के समय में लोकप्रियता में भारी गिरावट का सामना कर रहे हैं।
लोकप्रियता में गिरावट और पार्टी का असंतोष जस्टिन ट्रूडो की सरकार को जनता और पार्टी, दोनों का विरोध झेलना पड़ रहा है। विभिन्न सर्वेक्षणों के अनुसार, 73% कनाडाई नागरिक अब ट्रूडो से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इनमें 43% लिबरल पार्टी के समर्थक भी शामिल हैं। आगामी चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पिएरे पोलिएवरे की जीत की संभावनाएं जताई जा रही हैं, जो ट्रूडो के लिए एक और बड़ा झटका है।
मुख्य कारण: आर्थिक और सामाजिक समस्याएं ट्रूडो सरकार की गिरती लोकप्रियता के पीछे कई कारण हैं:- 1. आर्थिक संकट कनाडा में कोरोना महामारी के बाद महंगाई 8% तक बढ़ गई थी। हालांकि अब यह 2% के नीचे है, लेकिन जनता पर इसका प्रभाव गहरा रहा। बेरोजगारी दर भी 6% के करीब है, जो सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है।
2. महंगे घर कनाडा में घरों की आसमान छूती कीमतें एक बड़ी समस्या बन चुकी हैं। आम नागरिकों के लिए घर खरीदना अब एक सपना बन गया है। लंबे समय से चली आ रही इस समस्या का समाधान न कर पाने के कारण ट्रूडो सरकार की आलोचना हो रही है।
3. अप्रवासन नीति अप्रवासियों की बढ़ती संख्या ने कनाडा की स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य बुनियादी ढांचे पर भारी दबाव डाला है। सरकार ने इस पर नियंत्रण के लिए नई नीतियां बनाई हैं, लेकिन जनता की नाराजगी अभी भी बनी हुई है।
4. खालिस्तानी मुद्दा कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों के बढ़ते प्रभाव को लेकर भी सरकार की आलोचना हो रही है। इसे लेकर कनाडाई नागरिकों में असंतोष बढ़ा है।
5. कार्बन टैक्स की आलोचना ट्रूडो सरकार के कार्बन टैक्स कार्यक्रम पर विपक्ष ने तीखा हमला किया है। यह कार्यक्रम पर्यावरण के लिए जरूरी बताया जा रहा है, लेकिन इसे जनता पर अतिरिक्त बोझ के रूप में देखा जा रहा है।
राजनीतिक दबाव और सहयोगी दलों का अलग होना ट्रूडो को न केवल जनता का विरोध झेलना पड़ रहा है, बल्कि पार्टी के भीतर से भी दबाव का सामना करना पड़ रहा है। एनडीपी, जो लिबरल पार्टी की सहयोगी थी, ने हाल ही में ट्रूडो सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके अलावा, कनाडा की डिप्टी पीएम और वित्त मंत्री ने भी हाल ही में इस्तीफा दिया था, जिसने ट्रूडो पर और अधिक दबाव बढ़ा दिया है।
अगला कदम क्या होगा? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रूडो जल्द ही अपनी इस्तीफे की घोषणा कर सकते हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वह नए नेता की नियुक्ति तक पद पर बने रहेंगे या तुरंत पद छोड़ देंगे। अनुमान है कि बुधवार को होने वाली राष्ट्रीय कॉकस बैठक से पहले ट्रूडो इस्तीफा दे सकते हैं।
क्या लिबरल पार्टी बचा पाएगी अपनी साख? जस्टिन ट्रूडो की संभावित विदाई कनाडा की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत कर सकती है। सवाल यह है कि क्या लिबरल पार्टी उनके बिना आगामी चुनावों में अपनी साख बचा पाएगी? पिएरे पोलिएवरे के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है, जो लिबरल पार्टी के लिए खतरे की घंटी है।
जस्टिन ट्रूडो, जो कभी कनाडा के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक थे, अब जनता और पार्टी दोनों का भरोसा खोते दिख रहे हैं। उनके इस्तीफे की खबर अगर सच साबित होती है, तो यह न केवल लिबरल पार्टी बल्कि पूरे कनाडा की राजनीति के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।
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