बिहार में बीपीएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों के समर्थन में जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) ने पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन शुरू किया। सोमवार तड़के पुलिस ने प्रशांत किशोर को गिरफ्तार कर एम्स पटना में भर्ती कराया। इस दौरान उनके समर्थकों और पुलिस के बीच तीखा टकराव हुआ।
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी
सोमवार सुबह करीब 3-4 बजे के बीच प्रशांत किशोर को हिरासत में लिया गया। गांधी मैदान धरना देने के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र है, बावजूद इसके उन्होंने अनशन शुरू किया था। पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। गांधी मैदान थाना में प्रशांत किशोर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
प्रशांत किशोर को हिरासत में लेने के बाद उन्हें एम्स, पटना में स्वास्थ्य जांच के लिए ले जाया गया। शुरुआती जांच में डॉक्टरों ने किसी गंभीर समस्या से इनकार किया। लेकिन प्रशांत किशोर ने अनशन तोड़ने और किसी भी तरह की जांच कराने से इनकार कर दिया।
समर्थकों का विरोध और पुलिस की कार्रवाई
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद एम्स पटना के बाहर उनके समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई। समर्थकों ने एंबुलेंस को अंदर जाने से रोका, जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर रास्ता साफ कराया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। पुलिस ने प्रशांत किशोर को नौबतपुर के पिपलावा पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित किया, जहां वाहनों की सघन जांच चल रही है।
जन सुराज पार्टी का आरोप
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी पर जन सुराज पार्टी के प्रवक्ता मनोज बैठा ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रशांत किशोर को जबरन अनशन तुड़वाने का प्रयास किया गया। पार्टी ने सोशल मीडिया पर प्रशासन पर बर्बरता का आरोप लगाते हुए लिखा कि पुलिस ने गांधी मैदान से एम्स ले जाकर प्रशांत किशोर को परेशान किया और उनके समर्थकों पर लाठीचार्ज किया।
राजद की प्रतिक्रिया
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस घटना को लेकर प्रशांत किशोर पर तीखा हमला बोला। राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने इसे “खा-पीकर किया गया एक वीआईपी विरोध प्रदर्शन” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह छात्रों के आंदोलन की आड़ में सियासत चमकाने की कोशिश थी। तिवारी ने सरकार पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि गांधी मैदान प्रतिबंधित क्षेत्र था, तो वहां बैठने की इजाजत क्यों दी गई?
स्थिति पर राजनीतिक गरमाहट
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी ने बिहार में बीपीएससी परीक्षा गड़बड़ियों और प्रशासनिक कार्यशैली को लेकर सियासी माहौल गरमा दिया है। विपक्ष ने सरकार पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया। वहीं, सरकार और सत्ताधारी दलों ने इसे प्रायोजित आंदोलन करार दिया। तेजस्वी यादव ने वादा किया कि वे छात्रों के हक की लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक जारी रखेंगे।
आगे की राह
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थक और छात्र संगठन प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं। यह घटना बिहार की राजनीति में छात्रों के मुद्दों पर सरकार और विपक्ष के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है।
यह मामला न केवल बीपीएससी की परीक्षा गड़बड़ियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि बिहार की राजनीतिक स्थिति छात्रों और युवाओं के भविष्य को लेकर कितनी संवेदनशील है। प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी ने जहां उनके समर्थकों को सड़कों पर उतारा, वहीं इसने बिहार में प्रशासन और राजनीति की सच्चाई पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
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