हाल ही में कर्नाटक के बेंगलुरु में आठ महीने के बच्चे में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का पहला संदिग्ध मामला सामने आने से देशभर में चिंता का माहौल है। रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे का सैंपल 2 जनवरी को लिया गया था, जिसमें HMPV की पुष्टि हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय इस संदिग्ध मामले को लेकर जल्द ही एक एडवाइजरी जारी कर सकता है। आइए, जानते हैं HMPV के बारे में विस्तार से।
क्या है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV)? HMPV एक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से बच्चों और वृद्ध व्यक्तियों को प्रभावित करता है। इसे पहली बार 2001 में नीदरलैंड के शोधकर्ताओं ने पहचाना। यह वायरस तीव्र श्वसन संक्रमण का कारण बनता है और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।
फैलने के तरीके संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक के दौरान निकलने वाली श्वसन बूंदों के माध्यम से। दूषित सतहों, जैसे दरवाजे के हैंडल या खिलौनों को छूने के बाद। संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में रहने से।
HMPV के लक्षण HMPV संक्रमण के लक्षण गंभीरता के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। सामान्य लक्षण: खांसी, बुखार, बहती या भरी हुई नाक, और गले में खराश। गंभीर लक्षण: घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ (डिस्पेनिया) और दाने। कुछ मामलों में कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में यह अधिक गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकता है।
भारत में पहला संदिग्ध मामला बेंगलुरु में आठ महीने के बच्चे में HMPV की पुष्टि ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है। बच्चे और उसके परिवार का हाल ही में कोई यात्रा इतिहास नहीं था। बच्चे में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखे, जिससे मामला और भी पेचीदा हो गया है। कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने निजी लैब की रिपोर्ट को मान्यता दी है, लेकिन इसकी स्वतंत्र पुष्टि अभी नहीं हुई है।
दुनिया में HMPV का प्रभाव HMPV संक्रमण के मामले आमतौर पर सर्दियों और वसंत के मौसम में ज्यादा देखे जाते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका: सर्दियों और वसंत के दौरान फ्लू और रेस्पिरेटरी सिन्सिटियल वायरस (RSV) के साथ HMPV संक्रमण बढ़ जाता है। चीन: हाल ही में वायरल वीडियो और रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि चीन में HMPV सहित कई श्वसन संक्रमणों के कारण अस्पतालों में भीड़भाड़ हो रही है।
सरकार की तैयारियां और एडवाइजरी स्वास्थ्य मंत्रालय इस मामले को लेकर एडवाइजरी जारी कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सख्त निगरानी और सावधानी की जरूरत है।
बचाव के उपाय 1. हाइजीन का पालन करें: हाथों को साबुन से धोएं और सैनिटाइजर का उपयोग करें। 2. संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें: भीड़भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचें। 3. सतहों को साफ रखें: दरवाजे के हैंडल और खिलौनों जैसी सतहों को नियमित रूप से साफ करें। 4. सुरक्षित खांसी और छींक प्रथाओं का पालन करें: खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकें।
HMPV का यह संदिग्ध मामला भारत के लिए एक चेतावनी है। हालांकि यह वायरस अभी नए शोध और निगरानी के दायरे में है, लेकिन सतर्कता और सावधानी ही इसे फैलने से रोकने का सबसे अच्छा उपाय है। विशेषज्ञों और सरकार से मिलकर इस पर नियंत्रण पाने के प्रयास जारी रहेंगे।
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