प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 जनवरी 2025 को ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 का भव्य उद्घाटन करते हुए भारत के विकास पथ पर गांवों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। इस महोत्सव की थीम ‘विकसित भारत 2047 के लिए एक लचीले ग्रामीण भारत का निर्माण’ रखी गई है। यह आयोजन न केवल ग्रामीण क्षेत्रों की सांस्कृतिक और आर्थिक विरासत को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था, नवाचार, और आत्मनिर्भरता के लक्ष्यों को भी साकार करेगा।
प्रधानमंत्री का संबोधन: विकास की नई परिभाषा अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ग्रामीण भारत महोत्सव, भारत की विकास यात्रा का प्रतीक है। उन्होंने नाबार्ड और अन्य सहयोगियों को आयोजन के लिए बधाई देते हुए बताया कि पेयजल और स्वास्थ्य सेवाएं: आज लाखों ग्रामीण घरों में साफ पानी उपलब्ध है और डेढ़ लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं। डिजिटल कनेक्टिविटी: डिजिटल तकनीक से गांवों को बड़े अस्पतालों और डॉक्टरों से जोड़ा जा रहा है। पीएम किसान सम्मान निधि: अब तक किसानों को तीन लाख करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी जा चुकी है। स्वामित्व योजना: संपत्ति के दस्तावेज उपलब्ध कराकर गांवों में आर्थिक स्थिरता लाई जा रही है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया आयाम प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में कृषि ऋण साढ़े तीन गुना बढ़ाए गए हैं और अब मछली पालकों और पशुपालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड दिए जा रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आर्थिक नीतियां गांव के हर वर्ग को ध्यान में रखकर बनाई जानी चाहिए।
ग्रामीणों की क्रय शक्ति में इजाफा हाल ही में हुए एक सर्वे का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि 2011 की तुलना में अब ग्रामीणों की क्रय शक्ति लगभग तीन गुना बढ़ गई है। आजादी के बाद पहली बार ग्रामीण खाने पर अपनी आय का 50 प्रतिशत से कम खर्च कर रहे हैं। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और जीवन स्तर में सुधार का संकेत है।
महोत्सव की विशेषताएं ग्रामीण भारत महोत्सव 2025, 4 जनवरी से 9 जनवरी तक आयोजित होगा। इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत की उद्यमशीलता की भावना और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देना है। प्रमुख गतिविधियां:- ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर चर्चाएं। आत्मनिर्भरता और नवाचार पर कार्यशालाएं। टिकाऊ कृषि प्रथाओं और उद्यमिता को प्रोत्साहन। ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास।
‘विकसित भारत 2047’ की झलक महोत्सव की थीम भारत के दीर्घकालिक विकास के लक्ष्यों को प्रतिबिंबित करती है। इसका मुख्य उद्देश्य एक ऐसे लचीले ग्रामीण भारत का निर्माण करना है जो 2047 तक विश्वस्तरीय विकसित भारत के सपने को साकार कर सके।
ग्रामीण भारत की नई दिशा ग्रामीण भारत महोत्सव 2025, न केवल गांवों की प्रगति और समृद्धि का उत्सव है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने का मंच भी है। यह महोत्सव ग्रामीण क्षेत्रों की उद्यमशीलता को पहचानने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और उनकी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का एक प्रभावी प्रयास है।
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