नए वर्ष के साथ ही उत्तर भारत में प्रचंड शीतलहर ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में ठंडी हवाओं के कारण लोगों को ठंड का सामना करना पड़ रहा है। जम्मू कश्मीर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान जैसे राज्यों में तापमान में भारी गिरावट देखने को मिली है, जिससे गलन और सर्दी की समस्या बढ़ गई है।
कश्मीर में शीतलहर का प्रभाव:
कश्मीर में ठंड ने अपना प्रचंड रूप दिखाया है। यहां तापमान जमाव बिंदु से नीचे पहुंच चुका है और पश्चिमी विक्षोभ का असर भी बढ़ने लगा है। कश्मीर के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई है, और 4 और 5 जनवरी को बर्फबारी की अधिक संभावना है। इस दौरान निचले इलाकों में भी हल्की वर्षा होने का अनुमान है। जम्मू और आसपास के क्षेत्रों में भी हल्के कोहरे के कारण ठंड का प्रभाव बना हुआ है। मौसम विभाग ने जम्मू कश्मीर में छह जनवरी तक ठंडी का असर जारी रहने की संभावना जताई है।
दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार में सर्दी का कहर:
दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस से अधिक की गिरावट देखी गई है। ठंडी हवाओं के कारण लोगों को ठिठुरन का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली में 3 जनवरी से मौसम शुष्क रहने की संभावना है, लेकिन ठंडी हवाएं और कोहरा लोगों को परेशान करेंगे। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में शीतल दिवस का यलो अलर्ट जारी किया गया है।
राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में कड़ाके की सर्दी:
राजस्थान और हरियाणा में सर्दी का कहर जारी है। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और सीकर जैसे क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच चुका है। इन राज्यों में घना कोहरा छाया हुआ है, जिससे दृश्यता में भारी कमी आई है। पंजाब में भी पिछले चार दिनों से शीतलहर जारी है, और यहां बुधवार को दिन के तापमान में सात डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई।
मध्य प्रदेश और झारखंड में भी ठंड का असर:
मध्य प्रदेश और झारखंड में भी ठंडी हवाओं का प्रभाव बना हुआ है। शहडोल जिले में न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो प्रदेश में सबसे ठंडा स्थान रहा। मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के 14 जिलों में शीतल दिन की चेतावनी जारी की है। झारखंड में भी ठंड के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी और कोहरा:
हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा, मंडी और ऊना जैसे मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा देखा गया है, जबकि पहाड़ी इलाकों में पाला और बर्फबारी से हालात और भी सर्द हो गए हैं। ताबो, समधो, कुकुमसेरी और रिकांगपिओ जैसे स्थानों पर तापमान माइनस में पहुंच चुका है। उत्तराखंड में भी मैदानी क्षेत्रों में सुबह और शाम को कोहरा और पहाड़ों पर पाला गिरने की चेतावनी दी गई है।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी:
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव 4 और 5 जनवरी को उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी क्षेत्रों में महसूस होगा। इन दिनों में बूंदाबांदी और हल्की वर्षा की संभावना जताई गई है। हालांकि, 7 जनवरी के बाद मौसम में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, और तापमान में थोड़ी वृद्धि हो सकती है।
उत्तर भारत में नए साल के शुरुआती दिनों में कड़ाके की ठंड ने लोगों के जीवन को कठिन बना दिया है। विशेष रूप से शीतलहर, कोहरा और बर्फबारी के कारण परिवहन, शिक्षा और सामान्य जनजीवन में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों और अलर्ट्स के मद्देनजर, लोगों को ठंड से बचने के लिए आवश्यक सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है।
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