1 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में इस साल की पहली कैबिनेट बैठक का आयोजन हुआ। इस महत्वपूर्ण बैठक में मोदी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई बड़े फैसले लिए, जो देश के कृषि क्षेत्र को नई दिशा और गति प्रदान करेंगे।
DAP फर्टिलाइजर पर विशेष पैकेज की घोषणा
कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से, सरकार ने डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) फर्टिलाइजर निर्माता कंपनियों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि यह पैकेज 1 जनवरी 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक लागू रहेगा। इसके लिए बजट में 3850 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
इस पैकेज के तहत किसानों को किफायती दाम पर DAP फर्टिलाइजर उपलब्ध कराया जाएगा। अब किसान 1350 रुपये प्रति 50 किलोग्राम की दर से DAP खरीद सकेंगे। यह फैसला कृषि लागत को कम करने और किसानों को उनकी फसल उत्पादन में सहूलियत प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बढ़ोतरी
कैबिनेट बैठक में एक अन्य बड़ा फैसला प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से संबंधित था। इस योजना के लिए आवंटन को बढ़ाकर 69,515 करोड़ रुपये कर दिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस योजना ने किसानों के जीवन को व्यापक रूप से प्रभावित किया है। बीते वर्षों में इस योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और फसल खराब होने के संकट से उबरने में बड़ी मदद मिली है।
फैसलों का महत्व
कैबिनेट के ये फैसले किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने और कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए अहम हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक को पूरी तरह से किसानों के कल्याण के लिए समर्पित बताया। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य किसानों को बेहतर संसाधन और सहूलियतें प्रदान करना है ताकि देश का हर किसान आत्मनिर्भर बन सके।
किसानों की प्रतिक्रिया
सरकार के इन फैसलों को किसानों और कृषि विशेषज्ञों ने सकारात्मक कदम बताया है। DAP की किफायती कीमतें और फसल बीमा योजना का विस्तारित बजट किसानों के लिए राहतभरा साबित होगा।
2025 की पहली कैबिनेट बैठक ने साफ कर दिया कि यह साल किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कई बड़े कदमों का गवाह बनेगा। यह उम्मीद की जा रही है कि इन फैसलों का सकारात्मक प्रभाव देश के किसानों और कृषि क्षेत्र पर लंबे समय तक रहेगा।
सरकार के इस कदम से किसानों के चेहरे पर खुशी और उनके जीवन में स्थायित्व आने की उम्मीद की जा रही है। यह निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी के “किसान कल्याण” के दृष्टिकोण को दर्शाता है।
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