मणिपुर में 3 मई 2023 से जारी जातीय हिंसा ने राज्य को एक कठिन दौर से गुजरने पर मजबूर कर दिया। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस हिंसा के लिए माफी मांगी और सभी वर्गों से अपील की कि वे अतीत को भूलकर शांति की दिशा में कदम बढ़ाएं। यह घटना मणिपुर के इतिहास में एक दुखद अध्याय बनकर उभरी, जिसमें सैकड़ों जानें चली गईं और हजारों लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए।
माफी की अपील और शांति की ओर कदम
मंगलवार को इम्फाल में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य के लोगों से माफी मांगी। उन्होंने कहा, “यह पूरा साल मणिपुर के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। मैं राज्य के सभी नागरिकों से माफी मांगता हूं कि 3 मई से आज तक जो कुछ भी हुआ, उसके लिए मैं दुखी हूं। इस हिंसा में कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया, और बहुत से लोगों ने अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले तीन-चार महीनों में राज्य में शांति की दिशा में सकारात्मक प्रगति देखने को मिली है और वे आश्वस्त हैं कि 2025 तक मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।
मणिपुर में जातीय हिंसा और उसके प्रभाव
मणिपुर में 3 मई, 2023 को जातीय हिंसा की शुरुआत तब हुई जब बहुसंख्यक मैतेई समुदाय और कुकी जनजाति के बीच कोटा और आर्थिक लाभ के मुद्दों को लेकर तनाव बढ़ा। इस हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। हिंसा के चलते इम्फाल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी और अन्य जिलों में संघर्ष की स्थिति पैदा हो गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस हिंसा में विस्थापित हुए परिवारों की संख्या 2,058 है, जिनका पुनर्वास किया जा रहा है।
शांति की दिशा में उठाए गए कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए केंद्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्र ने सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई है, खासकर उन क्षेत्रों में जो संवेदनशील माने जाते हैं। पहाड़ी और घाटी जिलों की सीमा से लगे क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है, जिससे गोलीबारी की घटनाओं में कमी आई है। इसके अलावा, मणिपुर में हिंसा के कारण प्रभावित हुए 2,058 विस्थापित परिवारों को पुनः उनके मूल घरों में बसाया गया है।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा की तैनाती
राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा स्थिति को और बेहतर बनाने के लिए, राज्य सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों NH-2 (इम्फाल-दीमापुर) और NH-37 (इम्फाल-सिल्चर वाया जिरीबाम) पर सुरक्षा कर्मियों की अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती की है। इस कदम का उद्देश्य इन मार्गों पर हिंसा को नियंत्रित करना और सामान्य यातायात की बहाली को सुनिश्चित करना है।
केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि मणिपुर में शांति बहाल करने का एकमात्र समाधान चर्चा और संवाद में है। केंद्र सरकार ने पहले ही इस दिशा में पहल की है और राज्य सरकार के साथ मिलकर हिंसा को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। राज्य की स्थिति को सामान्य बनाने और नागरिकों को सुरक्षा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार एकजुट होकर काम कर रहे हैं।
भविष्य की दिशा
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि मणिपुर में अगले कुछ महीनों में स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो जाएगी। उन्होंने राज्य के नागरिकों से अपील की कि वे आपसी सद्भाव बनाए रखें और शांति की प्रक्रिया में सहयोग करें। उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर की सरकार और केंद्र सरकार मिलकर राज्य में सामाजिक और आर्थिक पुनर्निर्माण का कार्य करेंगे, ताकि मणिपुर एक बार फिर से अपने प्राचीन शांति और विकास की राह पर लौट सके।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने मणिपुर की जातीय हिंसा के लिए माफी मांगते हुए शांति की दिशा में चल रहे प्रयासों को स्पष्ट किया है। हालांकि यह संघर्ष राज्य के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय था, लेकिन राज्य और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से स्थिति को नियंत्रित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने मणिपुर के नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की और आशा जताई कि 2025 तक राज्य में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।
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