दक्षिण कोरिया विमान हादसा: 179 की मौत, बोइंग की सुरक्षा पर फिर उठे सवाल

दक्षिण कोरिया के मुआन शहर में रविवार सुबह हुए भीषण विमान हादसे ने 179 लोगों की जान ले ली। इस हादसे में विमान में सवार 181 यात्रियों में से केवल 2 लोग ही जीवित बच सके। घटना ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है और एक बार फिर से बोइंग विमान कंपनी की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हादसे की भयावहता
रविवार सुबह जब बोइंग 737-800 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ, तो उसमें सवार यात्रियों के बचने की उम्मीद लगभग खत्म हो गई थी। राहत और बचाव दल ने मौके पर पहुंचकर दुर्घटना की गंभीरता का आकलन किया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना बोइंग के लिए एक और बड़ा झटका है, जो पहले ही कई विवादों और सुरक्षा संबंधी समस्याओं का सामना कर रही है।
बोइंग के लिए काला साल
साल 2024 बोइंग के लिए अब तक का सबसे खराब वर्ष साबित हुआ है। कंपनी के विमानों के साथ बार-बार हुई घटनाओं ने सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
जनवरी में एक 737 मैक्स विमान के उड़ान के दौरान दरवाजे का प्लग उखड़ गया था।
2024 में कंपनी के शेयर की कीमत में 30% की गिरावट दर्ज की गई।
सुरक्षा समस्याओं के चलते कंपनी को 23 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान झेलना पड़ा।
पहले भी बोइंग पर लगे थे सवाल
यह पहली बार नहीं है जब बोइंग की सुरक्षा पर सवाल उठे हैं।
2018 और 2019 में पांच महीने के अंतराल में 737 मैक्स जेटलाइनर के दो भीषण हादसों में 346 लोग मारे गए थे।
इन घटनाओं ने कंपनी की प्रतिष्ठा को भारी नुकसान पहुंचाया और उसकी विश्वसनीयता पर गंभीर असर डाला।
सीईओ पर दबाव और इस्तीफा
बढ़ती समस्याओं और सुरक्षा उपायों में सुधार की मांग के चलते बोइंग के सीईओ डेविड कैलहॉन पर भारी दबाव बना। आखिरकार, उन्होंने अगस्त 2024 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
कर्मचारियों का विरोध और स्ट्राइक
कंपनी के 70,000 कर्मचारियों ने सुरक्षा में सुधार की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किए और कई बार बैठकें भी आयोजित कीं। कुछ कर्मचारियों ने सुरक्षा मानकों में सुधार की दिशा में कंपनी की निष्क्रियता को लेकर स्ट्राइक भी की।
विशेषज्ञों की राय
हालांकि, विमानन विशेषज्ञों का कहना है कि मुआन शहर में हुआ यह हादसा बोइंग 737 मैक्स की पुरानी दुर्घटनाओं से भिन्न है। डेल्टा एयरलाइंस के सलाहकार और पूर्व मुख्य पायलट एलन प्राइस ने कहा कि 737-800 मॉडल तकनीकी रूप से एक बेहतरीन विमान है। लेकिन कंपनी की हालिया घटनाओं ने इसे विवादों के घेरे में ला दिया है।
आगे की राह
इस हादसे के बाद बोइंग के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी सुरक्षा प्रणाली को पुनः स्थापित करना और यात्रियों का भरोसा दोबारा हासिल करना है। कंपनी को न केवल तकनीकी खामियों को दूर करना होगा, बल्कि कर्मचारियों और ग्राहकों की चिंताओं को भी प्राथमिकता देनी होगी।
दक्षिण कोरिया में हुआ यह हादसा विमानन उद्योग के लिए एक बड़ी चेतावनी है। बोइंग को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके। यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए कंपनी को अपनी छवि सुधारने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।
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