महाकुंभ 2025 में प्रयागराज में होने वाले इस विशाल आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं। करोड़ों श्रद्धालु गंगा स्नान और आध्यात्मिक अनुभव के लिए यहां जुटते हैं। हालांकि, इस अवसर का लाभ उठाने के लिए साइबर अपराधी भी सक्रिय हो गए हैं। फर्जी वेबसाइटों के जरिए होटल, टेंट और कॉटेज की बुकिंग के नाम पर लोगों को ठगने के कई मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में साइबर थाने की पुलिस ने इन अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।
कैसे होती है ठगी? साइबर अपराधियों ने महाकुंभ के नाम से कई फर्जी वेबसाइटें बनाई हैं। इनमें महंगे होटल, कॉटेज, और वीआईपी स्नान जैसी विशेष सुविधाओं का झांसा दिया जा रहा है। इन फर्जी वेबसाइटों पर बुकिंग के नाम पर मोटी रकम ऐंठी जा रही है। ठगों ने असली वेबसाइटों से मिलते-जुलते नाम रखकर श्रद्धालुओं को गुमराह करने का प्रयास किया है।
पुलिस की कार्रवाई साइबर थाने की पुलिस ने अब तक 9 फर्जी वेबसाइटों को बंद किया है और इस संबंध में चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इन अपराधियों की पहचान पंकज कुमार, यश चौबे, अंकित कुमार और अमन कुमार के रूप में हुई है। गिरोह के सरगना पंकज कुमार ने अन्य साथियों की मदद से ये फर्जी वेबसाइटें बनाई थीं। पुलिस ने बताया कि करीब 50 और वेबसाइटें जांच के दायरे में हैं। डीसीपी अभिषेक भारतीय ने कहा कि फर्जी वेबसाइटों पर लगातार नजर रखी जा रही है और अपराधियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
फर्जी वेबसाइटें और इनसे जुड़े खतरे अब तक की गई जांच में निम्नलिखित वेबसाइटों को फर्जी पाया गया है: www.kumbhcottagebooking.com [email protected] https://mahakumbhcottagesreservation.org/ https://jainmandiranddharamshala.in/ https://kumbdarshan.com/ https://mahakumbhfestival.com/ www.mahakumbhcottagebooking.org www.mahakumbhtentbooking.org www.mahakumbhtentreservation.com
कैसे बचें फर्जी वेबसाइटों से? महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालु इन सुझावों का पालन करके साइबर ठगी से बच सकते हैं: 1. विश्वसनीय प्लेटफॉर्म का उपयोग करें: बुकिंग के लिए केवल सरकारी या अधिकृत वेबसाइटों का ही इस्तेमाल करें। 2. वेबसाइट की जांच करें: किसी भी वेबसाइट पर बुकिंग करने से पहले उसके URL और स्पेलिंग को ठीक से जांचें। असली वेबसाइट से मिलते-जुलते नामों से सतर्क रहें। 3. ऑनलाइन जानकारी की पुष्टि करें: गूगल पर मिले नंबरों और ईमेल आईडी को अच्छे से सत्यापित करें। 4. सुरक्षित भुगतान विकल्प चुनें: हमेशा सुरक्षित और मान्यता प्राप्त भुगतान गेटवे का ही उपयोग करें। 5. संदिग्ध ऑफर्स से बचें: बहुत ज्यादा सस्ते या आकर्षक ऑफर्स पर तुरंत भरोसा न करें। 6. वेबसाइट का SSL सर्टिफिकेट जांचें: वेबसाइट के URL में “https://” और ताले का निशान होना चाहिए, जो यह दर्शाता है कि वेबसाइट सुरक्षित है।
पुलिस की सलाह साइबर पुलिस ने अपील की है कि यदि कोई संदिग्ध वेबसाइट मिले, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। ऐसे मामलों में जल्दी कार्रवाई से ठगी को रोका जा सकता है।
महाकुंभ के लिए सुरक्षित तैयारी महाकुंभ 2025 का हिस्सा बनने जा रहे श्रद्धालुओं के लिए यह आवश्यक है कि वे सतर्क रहें और साइबर ठगी के जोखिम से बचें। अपनी यात्रा की योजना बनाते समय आधिकारिक वेबसाइटों और प्लेटफॉर्म्स का ही इस्तेमाल करें।
महाकुंभ 2025 न केवल एक आध्यात्मिक यात्रा है, बल्कि यह तकनीक और सतर्कता का भी परीक्षण है। फर्जी वेबसाइटों से बचने और सुरक्षित यात्रा की योजना बनाने के लिए इन दिशा-निर्देशों का पालन करें। साइबर ठगों के खिलाफ चल रही पुलिस कार्रवाई के साथ, उम्मीद है कि श्रद्धालुओं का अनुभव सुरक्षित और सुखद रहेगा।
Discussion about this post