डॉ. मनमोहन सिंह: एक सच्चे देशभक्त व अद्वितीय नेता को विश्व की श्रद्धांजलि

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में शोक की लहर दौड़ गई है। एक महान अर्थशास्त्री, दूरदर्शी नेता और सच्चे देशभक्त के रूप में उनकी पहचान वैश्विक मंच पर अद्वितीय रही। विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों और मीडिया संस्थानों ने उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
जो बाइडेन: मनमोहन सिंह के विजन से भारत-अमेरिका संबंध मजबूत हुए
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें एक सच्चा देशभक्त और समर्पित लोकसेवक बताया। बाइडेन ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच जो आज घनिष्ठ संबंध हैं, वे मनमोहन सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व के बिना संभव नहीं थे। व्हाइट हाउस से जारी बयान में कहा गया कि उनके नेतृत्व ने वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत किया।
मीडिया की श्रद्धांजलि: प्रेरणा और साहस का प्रतीक
दुनिया के प्रमुख मीडिया संस्थानों ने डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान की सराहना की।
फाइनेंशियल टाइम्स ने उनके पहले कार्यकाल को कर्ज माफी, मनरेगा और आरटीआई जैसी ऐतिहासिक पहलों के लिए याद किया।
ब्लूमबर्ग ने उनके जीवन को आत्मविश्वास और प्रेरणा का स्रोत बताया। अखबार ने लिखा कि उन्होंने साबित किया कि शिक्षा और कड़ी मेहनत से जीवन की कठिनाइयों को पार किया जा सकता है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि एक सिख के रूप में प्रधानमंत्री बनने वाले पहले व्यक्ति के रूप में उन्होंने भारत की धर्मनिरपेक्षता को मजबूत किया।
राष्ट्राध्यक्षों की श्रद्धांजलि: वैश्विक नेता के प्रति सम्मान
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर रूस, मालदीव, अफगानिस्तान और मलेशिया जैसे देशों के नेताओं ने शोक व्यक्त किया।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा कि मनमोहन सिंह ने भारत के आर्थिक विकास को वैश्विक मंच पर मजबूत किया।
मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने उन्हें एक दयालु और संवेदनशील नेता बताया। उन्होंने याद किया कि जब वे जेल में थे, तो मनमोहन सिंह ने उनके बच्चों की शिक्षा के लिए सहायता की पेशकश की थी।
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा कि मनमोहन सिंह एक दयालु पिता की तरह थे और हमेशा मालदीव के अच्छे मित्र रहे।
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि भारत ने अपने सबसे महान सपूतों में से एक को खो दिया है।
डॉ. मनमोहन सिंह का स्थायी योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह ने न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाया। 1991 में उनके नेतृत्व में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत ने भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में अग्रणी स्थान दिलाया। उनके कार्यकाल में शुरू की गई योजनाओं, जैसे मनरेगा और सूचना का अधिकार (RTI), ने भारत के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य में क्रांति ला दी।
दूरदर्शिता और सादगी का अनूठा संगम
उनकी सादगी और नैतिकता के उदाहरण विश्वभर के नेताओं और जनता को प्रेरित करते रहेंगे। वह न केवल एक कुशल प्रधानमंत्री थे, बल्कि मानवीय संवेदनाओं से भरे एक अद्वितीय व्यक्तित्व थे।
डॉ. मनमोहन सिंह का जाना केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके विचार, उनकी योजनाएं और उनके प्रयास सदैव आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।
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