देश के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पूरा देश शोकाकुल है। डॉ. सिंह को शाम 8:06 बजे अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद एम्स की आपातकालीन इकाई में लाया गया। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन रात 9:51 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन और योगदान प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह के रूप में भारत ने अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक को खो दिया है। साधारण पृष्ठभूमि से उठकर उन्होंने एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री के रूप में अपनी पहचान बनाई। वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल ऐतिहासिक था। उनकी विनम्रता और बुद्धिमत्ता सदैव झलकती थी। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।”
प्रधानमंत्री ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर डॉ. सिंह के साथ अपनी पुरानी तस्वीरें साझा कीं, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने बताया कि डॉ. सिंह के साथ उनकी चर्चाएं हमेशा शासन और विकास पर केंद्रित रहती थीं।
सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित केंद्र सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह के सम्मान में सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। शुक्रवार को निर्धारित सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। उनके अंतिम संस्कार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ संपन्न किया जाएगा।
राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी दिल्ली पहुंचकर उनके परिवार से मिले। राहुल गांधी ने कहा कि डॉ. सिंह के निधन से कांग्रेस और देश दोनों ने एक अद्वितीय नेता खो दिया है। कांग्रेस ने अगले सात दिनों के लिए अपने सभी कार्यक्रम, जिनमें स्थापना दिवस समारोह भी शामिल है, रद्द कर दिए हैं।
डॉ. मनमोहन सिंह: एक महान व्यक्तित्व का सफर डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ। उनकी शिक्षा भारत और विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों से हुई, जिसमें कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय प्रमुख हैं।
1991 के ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में उन्हें आज भी याद किया जाता है। उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी। 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने भारत को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया। उनकी शांत और विनम्र नेतृत्व शैली ने उन्हें भारतीय राजनीति का एक अनोखा चेहरा बनाया।
परिवार और व्यक्तिगत जीवन डॉ. मनमोहन सिंह अपने पीछे पत्नी गुरशरण कौर और तीन बेटियों को छोड़ गए हैं। उनके परिवार ने हमेशा सादगी और अनुशासन का उदाहरण पेश किया।
देश की धरोहर डॉ. सिंह की उपलब्धियां न केवल भारतीय राजनीति में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाने वाली रहीं। उनके योगदान को आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद रखेंगी।
डॉ. सिंह का कहना था, “हमारा काम और योगदान ही हमारे जीवन का सार है।” उनकी यह सोच उनकी हर पहल और निर्णय में स्पष्ट दिखाई देती थी।
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