गाजियाबाद:- इंदिरापुरम और आसपास की सोसायटियों में पानी की समस्या गंभीर होती जा रही है। लगातार गिरते भूजल स्तर और गंगाजल की सीमित आपूर्ति के बीच, नगर निगम ने सोसायटियों के बोरवेल के उपयोग को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब केवल उन्हीं सोसायटियों को एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) दी जाएगी, जो निर्धारित शर्तों का पालन करती हैं।
बोरवेल के उपयोग पर सख्त निर्देश नोडल अधिकारियों का कहना है कि बिल्डर को निर्माण के समय ही बोरवेल के लिए एनओसी दी जाती है। यह एनओसी केवल निर्माण के दौरान पानी के उपयोग के लिए वैध होती है। इसका इस्तेमाल सोसायटी का पानी का टैंक भरने के लिए करना गैर-कानूनी है। ऐसे मामलों में सोसायटी के सभी बोरवेल सील किए जाएंगे।
एनओसी मिलने की शर्तें एनओसी प्राप्त करने के लिए सोसायटी को निम्नलिखित शर्तों का पालन करना अनिवार्य है: 1. सोसायटी का हैंडओवर: बिल्डर से एओए (अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन) या आरडब्ल्यूए (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) को हैंडओवर होना चाहिए। 2. दस्तावेज प्रस्तुत करना: एओए को बिल्डर से किए गए हैंडओवर के दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। 3. गंगाजल आपूर्ति: जिन सोसायटियों में गंगाजल की आपूर्ति हो रही है, उन्हें नगर निगम और जीडीए से इसकी पुष्टि करवानी होगी। 4. पानी की खपत का विवरण: एओए को सोसायटी की कुल पानी की खपत और गंगाजल की उपलब्धता का सटीक आंकड़ा देना होगा। 5. पुष्टि: नगर निगम इस बात की पुष्टि करेगा कि गंगाजल की आपूर्ति सोसायटी की खपत के मुकाबले कम है।
भूजल स्तर गिरने का संकट इंदिरापुरम और आसपास के क्षेत्रों में भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। आंकड़ों के अनुसार: 2024 में भूजल स्तर 34.93 मीटर तक पहुंच गया है, जबकि 2018 में यह 24.9 मीटर था। पिछले छह वर्षों में भूजल स्तर में 10 मीटर से अधिक की गिरावट आई है।
गहराई बढ़ने से बढ़ी समस्याएं स्थानीय निवासियों के अनुसार, पहले 200-250 फुट की गहराई पर पानी मिल जाता था, लेकिन अब पानी के लिए 350-400 फुट तक खुदाई करनी पड़ रही है। इसके बावजूद पानी आने में मोटर को 15-20 मिनट तक चलाना पड़ता है।
गंगाजल की सीमित आपूर्ति इंदिरापुरम और काला पत्थर रोड जैसे क्षेत्रों में गंगाजल की आपूर्ति पर्याप्त नहीं हो पाती। इसके कारण प्रत्येक सोसायटी को बोरवेल के जरिए पानी का टैंक भरना पड़ता है। हालांकि, यह प्रक्रिया भूजल स्तर को और नीचे गिरा रही है।
समाधान और सुझाव पानी के उपयोग में सतर्कता: सोसायटियों को पानी का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना होगा। जल पुनर्भरण: सोसायटियों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से स्थापित किए जाएं। गंगाजल आपूर्ति बढ़ाना: नगर निगम और जीडीए को गंगाजल की आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए। भूजल स्तर मॉनिटरिंग: सरकार को भूजल स्तर की निगरानी के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।
पानी की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम और स्थानीय निवासियों को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। एनओसी नियमों का पालन और भूजल संरक्षण के उपाय ही इस समस्या का दीर्घकालिक समाधान हो सकते हैं।
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