गाजियाबाद:- इंदिरापुरम की शिप्रा सृष्टि सोसायटी निवासी मर्चेंट नेवी के चीफ इंजीनियर संजीव कुमार (55) साइबर ठगों के शिकार हो गए। जालसाजों ने शेयर ट्रेडिंग में 53% मुनाफे का झांसा देकर उनसे 58.71 लाख रुपये ठग लिए। यह रकम उन्होंने और उनकी पत्नी सीमा सुनयना ने 13 नवंबर से 10 दिसंबर के बीच 30 बार में अलग-अलग खातों में जमा कराई।
ठगी की शुरुआत कैसे हुई? ठगी की यह घटना तब शुरू हुई जब संजीव कुमार ने गूगल पर फाइनेंशियल सर्विस देने वाली एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज कंपनी की वेबसाइट सर्च की। इसके अगले ही दिन उनके व्हाट्सएप पर एक लिंक आया, जिसमें एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज और सिकोइया कैपिटल्स कंपनी में निवेश करने पर भारी मुनाफे का लालच दिया गया।
व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के बाद क्या हुआ? व्हाट्सएप ग्रुप पर जुड़ने के बाद उन्हें शेयर ट्रेडिंग का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया और गूगल व एपल प्ले स्टोर से कुछ एप डाउनलोड करने के लिए कहा गया। एप स्टोर पर उपलब्ध होने के कारण उन्होंने एप्स को असली मान लिया। इसके बाद कॉलर ने खुद को एसएमसी का प्रबंध निदेशक बताते हुए निवेश के लिए कहा।
कैसे बढ़ा निवेश? संजीव ने पहले 20-25 हजार रुपये का निवेश किया। इसके बाद उन्हें आईपीओ कोटा दिलाने का लालच दिया गया और उन्होंने निवेश की रकम बढ़ा दी। एप पर दिख रहा था कि उनकी रकम मुनाफे के साथ बढ़ रही है, जिससे उन्होंने और पैसा जमा करना शुरू कर दिया।
रकम निकालने में परेशानी संजीव कुमार ने बताया कि एप पर उनका अकाउंट बैलेंस तो दिख रहा था, लेकिन वह इसे निकाल नहीं पा रहे थे। पूछने पर कुल रकम का 17% टैक्स जमा करने को कहा गया। टैक्स जमा करने के बाद भी रकम नहीं निकली।
झांसे में कैसे फंसे? जब संजीव और उनकी पत्नी ने अपने खातों से 58.71 लाख रुपये जमा कर दिए और रकम नहीं निकली तो उन्हें ठगी का शक हुआ। उन्होंने दिल्ली में एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के दफ्तर जाकर प्रबंध निदेशक अजय गर्ग से मुलाकात की। गर्ग ने बताया कि यह ठगों का काम है और उनका कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है।
साइबर पुलिस की कार्रवाई साइबर थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर खातों को फ्रीज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एडीसीपी अपराध सच्चिदानंद ने कहा कि अपराधियों का पता लगाने के लिए उनके मोबाइल नंबर की जांच की जा रही है।
सावधानी के लिए सुझाव 1. सत्यापित स्रोतों का उपयोग करें: निवेश के लिए हमेशा कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट और ऐप का उपयोग करें। 2. लालच से बचें: ज्यादा मुनाफे का लालच साइबर ठगों का मुख्य हथियार होता है। 3. संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें: व्हाट्सएप या किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर भेजे गए अनजान लिंक से बचें। 4. पुलिस को तुरंत सूचित करें: ठगी का संदेह होने पर तुरंत साइबर पुलिस की मदद लें।
यह घटना हमें यह सिखाती है कि ऑनलाइन निवेश करते समय अत्यधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। साइबर ठग हर संभव तरीके से मासूम लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। सावधानी और सतर्कता ही ऐसी ठगी से बचने का एकमात्र उपाय है।
Discussion about this post