गाजियाबाद:- मुरादनगर की हर्ष कॉलोनी, रावली रोड के निवासी इन दिनों गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इलाके में सफाई व्यवस्था की अनदेखी के कारण चारों ओर गंदगी का अंबार लग गया है। पिछले कई दिनों से सफाई कर्मी यहां नहीं आए हैं, जिससे गंदगी बढ़ती जा रही है। इस स्थिति ने लोगों में गहरी नाराजगी और असंतोष पैदा कर दिया है।
गंदगी से जुड़ी समस्याएं हर्ष कॉलोनी में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। गलियों और सड़कों पर फैली गंदगी के कारण दुर्गंध और मक्खी-मच्छरों की संख्या बढ़ गई है। यह स्थिति न केवल इलाके की सुंदरता को बिगाड़ रही है, बल्कि स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ा रही है।
लोगों का आक्रोश स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ है। एक निवासी ने कहा, “गंदगी के कारण छोटे बच्चे और बुजुर्ग बीमार पड़ रहे हैं। नगर पालिका से कई बार सफाई की मांग की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा गंदगी के कारण कॉलोनी में डेंगू, मलेरिया और अन्य जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। बारिश के बाद गड्ढों में भरा पानी मच्छरों के प्रजनन स्थल बन गया है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी परिस्थितियां गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
नगर पालिका की उदासीनता निवासियों का आरोप है कि नगर पालिका का रवैया लापरवाह है। सफाई कर्मी नियमित रूप से काम पर नहीं आते और शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। कॉलोनी के एक बुजुर्ग निवासी ने कहा, “हमें अपनी आवाज उठाने के लिए मजबूर होकर प्रदर्शन करना पड़ेगा, क्योंकि अधिकारियों तक हमारी बात नहीं पहुंच रही है।”
लोगों की मांग नियमित सफाई की व्यवस्था की जाए। कचरा उठाने के लिए नियमित वाहन भेजे जाएं। गलियों में सफाई कर्मियों की निगरानी बढ़ाई जाए। मच्छरों से बचाव के लिए फॉगिंग और कीटनाशक छिड़काव किया जाए।
प्रशासन की जिम्मेदारी स्वच्छता और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। “स्वच्छ भारत अभियान” के तहत यह जरूरी है कि हर क्षेत्र में सफाई सुनिश्चित हो। यदि प्रशासन समय पर कार्रवाई नहीं करता, तो स्थानीय लोग बड़े स्तर पर प्रदर्शन कर सकते हैं।
हर्ष कॉलोनी के निवासियों का गुस्सा जायज है। प्रशासन को उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। यह केवल सफाई का मुद्दा नहीं है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य और जीवन की सुरक्षा का सवाल है। जब तक यह समस्या हल नहीं होती, निवासियों का आक्रोश बढ़ता रहेगा।
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