चीन:- भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच मंगलवार को महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस वार्ता का उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में चार वर्षों से जारी सैन्य गतिरोध और भारत-चीन के ठंडे पड़े द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्जीवित करना था।
चार साल बाद रिश्तों में सुधार की पहल पांच वर्षों के अंतराल के बाद दोनों देशों के बीच विशेष प्रतिनिधियों की यह 23वीं बैठक आयोजित हुई। इससे पहले 2019 में दिल्ली में अंतिम वार्ता हुई थी। यह पहली बार है जब 2019 के बाद भारत का कोई वरिष्ठ अधिकारी चीन के दौरे पर गया है। डोभाल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने इस बातचीत में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।
वार्ता की शुरुआत चीन के समयानुसार सुबह 10 बजे हुई, जिसमें सीमा विवाद, पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी और भविष्य में शांति बनाए रखने के उपायों पर विचार-विमर्श किया गया।
सीमा विवाद पर चर्चा अक्टूबर 2023 में पूर्वी लद्दाख से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर हुए समझौते के बाद दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए यह बैठक आयोजित की। यह वार्ता एलएसी पर शांति और स्थिरता के लिए नए उपाय तलाशने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
डोभाल और वांग यी के बीच प्रमुख बिंदु 1. सीमा विवाद का समाधान: दोनों नेताओं ने सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए बातचीत के जरिए विवादों को सुलझाने पर सहमति व्यक्त की। 2. द्विपक्षीय संबंधों का पुनर्निर्माण: 2019 के बाद ठप पड़े संबंधों को फिर से सक्रिय करने और आपसी विश्वास बढ़ाने पर जोर दिया गया। 3. साझा हितों और चिंताओं का सम्मान: दोनों देशों ने एक-दूसरे के मूल हितों और प्रमुख चिंताओं का सम्मान करने की प्रतिबद्धता जताई।
चीन का सकारात्मक रुख चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि उनका देश भारत के साथ काम करने और बातचीत के माध्यम से मतभेदों को हल करने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन, ईमानदारी और अच्छे विश्वास के साथ, आपसी विश्वास बढ़ाने और संबंधों को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
द्विपक्षीय संबंधों के लिए नई राह यह बैठक भारत और चीन के बीच संचार की खाई को कम करने और सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वार्ता दोनों देशों के लिए सीमा विवाद से परे व्यापार, पर्यावरण, और वैश्विक शांति जैसे मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
NSA अजीत डोभाल की चीन यात्रा और वांग यी के साथ उनकी बैठक ने भारत-चीन संबंधों में नई उम्मीद जगाई है। जहां सीमा विवाद दोनों देशों के बीच एक बड़ी चुनौती है, वहीं इस तरह की वार्ताएं तनाव कम करने और रिश्तों को नई दिशा देने में मददगार साबित हो सकती हैं। आने वाले दिनों में इस वार्ता के परिणामों पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
Discussion about this post